अयोध्या:मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड 17 नवंबर को फैसले की समीक्षा करेगा,सुन्नी वक्फ बोर्ड की बैठक 26 को

नई दिल्ली. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीबी) अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करने पर विचार कर जा सकता है। एआईएमपीबी ने17 नवंबर को इसके लिए बैठक बुलाई है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सुन्नी सैंट्रल वक्फ बोर्ड ने फैसले के बाद की कार्रवाई पर चर्चा के लिए 26 नवंबर को बैठक बुलाई है। हालांकि वक्फ बोर्ड ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुएरिव्यू पिटीशन दाखिल करने से इनकार किया है।

अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा, “17 नवंबर को एआईएमपीबी की बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करने या न करने पर फैसला होगा।”जिलानी से पूछा गया था कि फैसले को लेकर समाज के कुछ हिस्सों में असंतोष है और ऐसे में मुस्लिम पक्ष अदालत के फैसले पर किस तरह प्रतिक्रिया देने जा रहा है।जिलानी ने ट्रायल कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सैंट्रल सुन्नी वक्फ बोर्ड सहित मुस्लिम पार्टियों की पैरवी की थी।

सुन्नी सैंट्रल वक्फ बोर्ड ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया

इससे पहले उत्तर प्रदेश सुन्नी सैंट्रल वक्फ बोर्ड ने कोर्ट के फैसले के बाद आगे की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए 26 नवंबर को बैठक बुलाने की बात कही थी। बोर्ड के चैयरमैन जफर अहमद फारूखी ने रविवार (10 नवंबर) को कहा- 26 नवंबर की बैठक में बोर्ड अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक कदम उठाने पर चर्चा करेगा। बोर्ड अयोध्या में मस्जिद के लिए दिए जाने वाले 5 एकड़ जमीन को स्वीकार करने या न करने पर भी फैसला कर सकता है। 9 नवंबर को फारूखी ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था और कहा था कि सुन्नी सैंट्रल वक्फ बोर्ड कोर्ट के फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल नहीं करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन हिंदू पक्ष को दी, मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन मिलेगी

134 साल पुराने अयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद पर 9 नवंबरको सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया। इसके तहत अयोध्या की 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बने और इसकी योजना तैयार की जाए। चीफ जस्टिस ने मस्जिद बनाने के लिए मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दिए जाने का फैसला सुनाया, जो कि विवादित जमीन की करीब दोगुना है।(इनपुट भास्कर)

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity