नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अयोध्या पर निर्णय सुनाते हुए सरकार को विवादित स्थल पर मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने और मुसलमानों को अयोध्या में ही किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन देने के निर्देश दिए. इस फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड नाखुश दिखा. पांच एकड़ जमीन को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड का कहना है कि वह 26 नवंबर को प्रस्तावित अपनी बैठक में फैसला लेगा.
Humbly accept Ayodhya verdict, won't file any review petition: UP Sunni Central Waqf Board https://t.co/RG1e4ZPACw #AyodhyaVerdict #Ayodhya #AyodhyaJudgment pic.twitter.com/HJkTXjEIQb
— The Times Of India (@timesofindia) November 9, 2019
बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी ने कहा कि बोर्ड की सामान्य बैठक आगामी 26 नवंबर को संभावित है. उसमें ही यह निर्णय लिया जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार अयोध्या में सरकार द्वारा दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन ली जाए या नहीं. उन्होंने बताया कि वैसे तो वक्फ बोर्ड की बैठक 13 नवंबर को होनी थी मगर अयोध्या मामले में निर्णय आने के मद्देनजर इसे टाल दिया गया. अब यह 26 नवंबर को संभावित है.
Zafar Farooqui, Chairman of Uttar Pradesh Sunni Central Waqf Board to ANI: A meeting of Sunni Waqf Board is scheduled to be held on November 26, where we will discuss what is to be done in compliance with the #AyodhyaJudgement (File pic) pic.twitter.com/sz2pFiBv2w
— ANI (@ANI) November 10, 2019
फारूकी ने कहा कि जमीन लेने को लेकर उन्हें लोगों की अलग-अलग राय मिल रही है. मगर उनका व्यक्तिगत रुप से मानना है कि नकारात्मकता को सकारात्मकता से ही खत्म किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग यह राय दे रहे हैं कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को बाबरी मस्जिद के एवज में कोई वैकल्पिक जमीन नहीं लेनी चाहिए. वह उनके जज्बात की कद्र करते हैं मगर उनकी समझ से इससे नकारात्मकता ही बढ़ेगी.
#Ayodhya: Sunni Waqf board chief says won’t challenge verdict, Muslim law board undecidedhttps://t.co/hmX1pKQ9r3 #AyodhyaVerdict #AyodhyaJudgment
— scroll.in (@scroll_in) November 10, 2019
फारुकी ने कहा कि उन्होंने अयोध्या मामले में मध्यस्थता की पैरोकारी इसीलिए की थी ताकि दोनों पक्षों के बीच व्याप्त नकारात्मकता खत्म हो जाए. वह कोशिश भले ही कामयाब ना हुई हो लेकिन हमारी राय बिल्कुल साफ है. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का यह भी मत है कि वक्फ बोर्ड वह जमीन ले ले और उस पर कोई शिक्षण संस्थान बना दे. उसी परिसर में एक मस्जिद की भी तामीर हो जाए.
फारुकी ने कहा कि अगर बोर्ड की बैठक में मस्जिद के लिए जमीन लेने का फैसला किया गया तो उस जमीन के आसपास की जरूरतों के हिसाब से निर्माण संबंधी कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जहां तक जमीन का सवाल है तो वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हिस्सा है जिसका अनुपालन सरकार को करना होगा. हालांकि बोर्ड अपनी बैठक में यह तय करेगा कि उसे वह जमीन लेनी है या नहीं. अब जमीन कैसे ली जाएगी, उसकी क्या शर्ते होंगी यह भी बोर्ड को तय करना होगा.