चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली छात्रा रंगदारी के आरोप में गिरफ़्तार

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता स्वामी चिन्मयानंद पर उत्पीड़न और कई लड़कियों की ज़िंदगी बर्बाद करने का आरोप लगाने वाली छात्रा के भाई ने कहा कि मेरी बहन की अग्रिम जमानत याचिका शाहजहांपुर के स्थानीय अदालत में लंबित होने के बावजूद एसआईटी उन्हें गिरफ्तार करके ले गई. ये अदालत की अवमानना है.

 

भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली 23 वर्षीय कानून की छात्रा को विशेष जांच दल (एसआईटी) ने बुधवार सुबह को ब्लैकमेल करने और पांच करोड़ की रंगदारी मांगने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पूछताछ के बाद एसआईटी ने छात्रा को उसके घर से गिरफ्तार किया.

छात्रा के भाई ने कहा, ‘मेरी बहन से पूछताछ के लिए एसआईटी सुबह मेरे घर पहुंची. कुछ मिनट तक उससे बात करने के बाद एसआईटी ने हमें बताया कि वे उन्हें गिरफ्तार कर रहे हैं. जब मेरी बहन ने इस पर आपत्ति जताई और उनके साथ जाने से इनकार किया तब एसआईटी अधिकारी उन्हें जबरदस्ती खींचकर कार में ले गए.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी बहन की अग्रिम जमानत याचिका शाहजहांपुर के स्थानीय अदालत में लंबित होने के बावजूद एसआईटी उसे गिरफ्तार करके ले गई. मेरी बहन की गिरफ्तारी अदालत की अवमानना है.’

छात्रा की अग्रिम जमानत याचिका को अदालत ने मंगलवार को स्वीकार किया था और 26 सिंतबर को अगली सुनवाई की तारीख तय की थी.

वहीं शाहजहांपुर के जिला सरकारी वकील अनुज कुमार ने कहा, ‘लड़की द्वारा अग्रिम जमानत की याचिका जिला जज की अदालत में दी गई है और इसकी सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार कर रहे हैं, जो कि फिलहाल जिला जज की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘अदालत ने एसआईटी को निर्देश दिया है कि वह इस मामले से संबंधित दस्तावेजों के साथ अपना जवाब दाखिल करे. बिना कोई अंतरिम राहत दिए हुए अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख तय की है.’

बता दें कि, पिछले हफ्ते चिन्मयानंद को महिला का पीछा करने, आपराधिक धमकी और गलत तरीके से बंदी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

पीड़ित छात्रा के वकील ने कहा था कि 73 वर्षीय चिन्मयानंद पर बलात्कार का आरोप के तहत केस दर्ज नहीं कराया गया है. इसकी जगह उन पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए अधिकारों का गलत इस्तेमाल से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की थी.

चिन्मयानंद को शाहजहांपुर स्थित उनके आवास ‘दिव्य धाम’ से गिरफ्तार किया गया था. विशेष जांच दल ने उन्हें सीजेएम की अदालत में पेश किया था जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

इसके बाद एसआईटी ने बताया था कि स्वामी चिन्मयानंद ने खुद पर लगे लगभग सभी आरोप स्वीकार कर लिए हैं, जिसमें यौन वार्तालाप और मालिश के आरोप भी शामिल हैं.

गौरतलब है कि शाहजहांपुर स्थित स्वामी शुकदेवानंद विधि महाविद्यालय में पढ़ने वाली एलएलएम की छात्रा ने 23 अगस्त को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर चिन्मयानंद पर शारीरिक शोषण तथा कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद करने के आरोप लगाने के साथ ही उसे तथा उसके परिवार को जान का खतरा बताया था.

हालांकि छात्रा ने इस वीडियो में किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन छात्रा के पिता ने पुलिस में दर्ज अपनी शिकायत में कहा है कि वह चिन्यमानंद की ओर इशारा कर रही थी.

छात्रा के पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी का यौन शोषण किया गया. इसके बाद भाजपा के पूर्व सांसद के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

चिन्मयानंद इस महाविद्यालय की प्रबंधन समिति के अध्यक्ष हैं.

हालांकि, इससे एक दिन पहले स्वामी चिन्मयानंद के अधिवक्ता ओम सिंह ने पांच करोड़ रुपये रंगदारी मांगने का भी मुकदमा दर्ज करा दिया था.

इसके बाद चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने के आरोप में तीन लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार, इनमें से एक छात्रा के साथ मिला था जबकि दो अन्य उसके साथी हैं. उन्हें भी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.

 

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