।अशफाक कायमखानी।सीकर।
हालांकि माकपा के राज्य सचिव कामरेड अमरा राम बीना किसी भेदभाव के हर पिडित को इंसाफ दिलाने के लिये उसके साथ कंधा से कंधा मिलाकर तैयार रहने का प्रतिबिंब बन चूके होने के कारण वो सीकर के मुस्लिम समुदाय पर होने वाले अत्याचारों को लेकर लम्बा संघर्ष करके इंसाफ दिलवाने मे हरदम अगुवा रहने के बाद आज अमरा राम के बेटीयो के इंसाफ के लिये संघर्ष शूरु करने के बाद अब मुस्लिम समुदाय की परीक्षा की घड़ी है कि वो कामरेड अमरा राम की आर पार की लड़ाई मे किस हद तक जाकर साथ निभा पाते है।
सीकर के जाट बाजार मे हाथ ठेले वाले व फल-सब्जी विक्रेताओं को नगर परिषद कर्मियों ने खदेड़ा एवं माल बरामद करके परिषद कार्यालय ले जाने पर पूर्व विधायक कामरेड अमरा राम के साथियों ने संघर्ष करके उन्हे फिर से वही पर फल-सब्जी बेचने की इजाजत व बरामद सामान लोटाने पर कर्मियों को मजबूर किया था। सीकर के बकरामंडी के पशू व्यापारी को लोसल के आगे नागोर सीमा पर लूटेरो ने लूटते समय पिता को गम्भीर घायल व जवान पूत्र को मौत के घाट उतारने के बाद हत्यारों की गिरफ्तारी के लिये सीकर व कुचामन मे कामरेड अमरा राम ने ही लम्बा संघर्ष करके मुलजिमों को गिरफ्तार करने पर पुलिस को मजबूर किया था। नीमकाथाना सहित अनेक जगह पशू व्यापारियों के साथ लूट होने के बाद लूट को बरामद कराने के अलावा लूटेरो को जैल के खिकंजो के पिछे भेजने मे भी अमरा राम के संघर्ष की कहानी बार बार सामने आती है।
खासतौर पर बकरामंडी के पशु व्यापारियों को पशू क्रूरता के नाम पर पुलिस व कुछ संगठनों द्वारा नाजायज तौर पर आये दिन परेशान करने के सीलसीले को खत्म करने मे भी अमरा राम के कहने पर उनके माकपाइयों ने कड़ा रुख अपना कर इस परेशानी से छुटकारा दिलवाने मे अहम किरदार अदा किया था। उक्त घटनाओं के अलावा अनेक घटनाएं ऐसी रही है जिसमे मुस्लिम पीडितों को न्याय दिलवाने मे कामरेड अमरा राम व उनके समर्थकों ने संघर्ष करने मे कोई कसर नही छोड़ी है।इसके अतिरिक्त जब जब सीकर के सदभाव पूर्ण माहोल मे किसी ने जहर घोलने की कोशिशें की है। तब तब पूर्व विधायक अमरा राम अपने समर्थकों के साथ फोलाद की तरह जनता के मध्य खड़े होकर माहोल को बीगड़ने से बचाया है।
कुल मिलाकर यह है की सीकर की बेटीयो को पुरुष पुलिस द्वारा 28-अगस्त को बीना वजह पीटने को लेकर आरपार की लड़ाई लड़ कर बेटीयो को इंसाफ दिलवाने के लिये कामरेड अमरा राम ने तीस अगस्त को सीकर मे सभा करने के बाद एक दिन दो घंटे का चक्काजाम करने के अलावा 16-सितंबर को पहले क्रषि उपज मंडी मे सभा करके शाम को साथियो के साथ कलेक्ट्रेट के सामने निर्णय होने तक पड़ाव डालकर जो आरपार की जंग का लोकतांत्रिक तरीके से ऐहलान करने के बाद अब मुस्लिम समुदाय की परीक्षा की घड़ी आ चूकी है कि मुस्लिम अमरा राम के संघर्ष मे कहा तक उनके साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़े नजर आते है।