ट्यूबवेल मे जब पानी नही निकला तो-पशु-पक्षियों को पानी पीलाने की दुवाओ के बाद दूसरे टयूबवेल मे पानी आया।

काजी सेयद जहरुद्दीन उस्मानी चेरिटेबल ट्रस्ट अब वाटर हारवेस्टिंग के जरिये पानी का स्तर बढाने मे लगा।

अशफाक कायमखानी।सीकर।
राजस्थान के सीकर जिले के खण्डेला कस्बे के गूरारा रोड़ स्थित शाहील फार्म हाऊस के मालिको ने हरियाली के लिये तकरीबन बाराह साल पहले फार्म हाऊस पर गहरी निचाई तक ट्यूबवेल (बोरिंग) कराने के बावजूद जब उस ट्यूबवेल मे पानी नही आया तो एक दफा सभी निरास तो हुये लेकिन सबने मिलकर पाक परवरदिगार से दुवा कि चाहे उनको पानी ना मिले पर वो सब चाहते है कि इस फार्म पर दूसरी कोशिश के रुप मे बनने वाले टयूबवेल से पानी पशू-पक्षियों व राह चलते एवं जरुरतमंद इंसानो को पीने के पानी निकले तो अल्लाह पाक तेरा करम होगा। सभी जानकारो ने उस क्षेत्र मे पानी नही होने व ट्यूबवेल पर खर्चा नही करने की हिदायत करने के बावजूद पशू-पक्षियों व जरुरतमंद इंसानो के पीने का पानी उपलब्ध करवाने की नियत के साथ पाक परवरदिगार से कि गई दुवाओ के बाद दूसरी ट्यूबवेल उसी फार्म हाऊस मे खोदने पर पानी आया ओर उसके बाद से आज तक पशु -पक्षियो के लिये खेल व इंसानो के लिये प्याऊ (वाटर हट) का इंतेजाम नियमित रुप से साल के तीन से पेसंठ दिन शाहील फार्म हाऊस पर रहता आ रहा है।

काजी सैयद जहरुद्दीन उस्मानी चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक व मुम्बई मे मुकीम अब्दुल रहीम उस्मानी ने बताया कि उन्होने खण्डेला की सरजमी पर पैदा होकर यहां की हवा-पानी व अन्न का उपयोग करके पला व बडा होने का कर्ज उनके उपर आज खण्डेला की सरजमीं का है। वो व ट्रस्ट के सभी सदस्य चाहते है कि किसी ना किसी रुप वो खण्डेला की सरजमीं का कर्ज चुकाने की हरदम कोशिश करते रहे।

काजी सैयद जहरुद्दीन उस्मानी चेरिटेबल ट्रस्ट मुम्बई के ट्रस्टी अफजल उस्मानी ने बताया कि खण्डेला कस्बे मे पानी का तल काफी नीचे होने के अलावा बरसाती पानी के पहाड़ो व नालियों से बहते हुये बरबाद होते देखकर उनके जेहन मे बरसाती पानी को वाटर हारवेस्टिंग के जरिए फिर से जमीन मे मोजूद पानी के तल तक भेज कर जलस्तर उपर उठाने की कोशिश की तरफ कदम आगे बढाने का निश्चय करके पहली शुरुआत शाहील फार्म हाऊस मे वाटर हारवेस्टिंग पलांट लगाकर इस बरसाती मोसम से शूरु कर रहे है।

ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक रहीम उस्मानी ने कहा कि जल ही जीवन है ओर जल बचाओ-जीवन बचाओ की निती पर चलते हुये उन्होंने शूरुआत मे शाहील फार्म हाऊस मे वाटर हारवेस्टिंग प्लांट के तहत करीब चार सो पचास फीट की गहराई तक ट्यूबवेल खोदकर उसकी सिस्टेमेटिक चिनाई करके बहते बरसाती पानी को उसको जमीनी पानी के तल तक भेजकर खण्डेला का जल स्तर ऊंचा उठाने की कोशिश कर रहे है। रहीम उस्मानी ने यह भी कहा कि खण्डेला नगर पालिका या राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके ट्रस्ट को ट्रस्ट के खर्च पर इस तरह के वाटर हारवेस्टिंग लगाने की इजाजत दे तो वो अन्य सरकारी या सार्वजनिक जगह पर भी वाटर हारवेस्टिंग पलांट लगाने को तैयार है।

रहीम उस्मानी के जीवन आठ साल पहले एक दिन ऐसा भी आया जब वो फार्म हाऊस पर बैठे हुये थे उनके पास पड़ोस की महामाया गौमाता गौसाला के महंत आकर बोले कि उन्होंने दिवार बना ली है पर पानी का इंतजाम ना होने के कारण वो गौसाला शूरु नही कर पा रहे। महंत की बात सूनकर तपाक से रहीम उस्मानी ने गौसाला मे ट्यूबवेल खुदवा कर जनरेटर उपलब्ध करवाने के बाद आज आठ साल से वहां गौशाला चल रही है। रहीम उस्मानी उस गौशाला समिति के आजीवन सदस्य भी है।

कुल मिलाकर यह है कि अपने लिये तो सभी इंसान जीवन अच्छा व बूरा जीते रहे है। कुछ लोग दिखावे व दूनीया मे नाम बडा करने की नीयत से इंसानो के लिये कुछ करने की कोशिश भी करते है। लेकिन वो लोग बडे खूशनसीब होते है जो अपने जीवनकाल मे पशू-पक्षियों व मानव जाती के लिये साथ साथ राहत देने का काम अंजाम दे जाते है। काजी सैयद जहरुद्दीन उस्मानी चेरिटेबल ट्रस्ट के ओहदेदारान को लाखो सलाम। उक्त ट्रस्टियों के अलावा कफील उस्मानी, शमशुद्दीन उस्मानी, हसन उस्मानी व लतीफ उस्मानी भी ट्रस्ट की गतिविधियों के संचालित मे भागीदारी निभा रहे है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity