राफेल पर सरकार के खिलाफ लाउंगा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव’संसद ही नहीं सुप्रीम कोर्ट को भी किया गुमराह: संजय सिंह

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली: संजय सिंह ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में CAG व PAC से संबंधित गलत जानकारी देकर संसद की अवमानना करने का आरोप लगाया है.

‘राफेल पर केंद्र के खिलाफ लाउंगा विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव’

( सभापति को दिया गया पत्र )
आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राफेल मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखा है. सिंह ने इस पत्र में अटॉर्नी जनरल को संसद में बुलाए जाने की मांग की है ताकि उनसे इस पूरे मामले में सफाई मांगी जाए. आप सांसद ने कहा कि राफेल मामले में सरकार ने सिर्फ संसद ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह करने का प्रयास किया है.

संजय सिंह ने पत्र में केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में CAG व PAC से संबंधित गलत जानकारी देकर संसद की अवमानना करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि केंद्र नो सर्वोच्च संस्थाओं को अंधेरे में रखा है. सिंह ने कहा कि सदन में विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाउंगा.

संजय सिंह ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट को ग्रामर सिखा रही है. जब सीएजी की कोई जांच रिपोर्ट आई ही नहीं तो सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कैसे कहा कि ऐसी कोई जांच रिपोर्ट है. सरकार के अटॉर्नी जनरल ने भी सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि सील बंद लिफाफे में जो कुछ भी दिया गया वह उन्होंने नहीं पढ़ा है तो अब उन्होंने करेक्शन का हलफनामा कैसे दिया? उन्हें वह सीलबंद रिपोर्ट कहां से मिली?

आप सांसद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में जिक्र है कि एयरफोर्स प्रमुख ने कीमतों के खुलासे पर आपत्ति की थी. एयरफोर्स चीफ ने यह बयान कब दिया या ऐसा कोई एफिडेविट कब दिया था? नए एफिडेविट में भी सरकार कह रही है कि सीएजी को कीमतों के बारे में जानकारी दे दी गई है लेकिन सीएजी की रिपोर्ट तो जनवरी के बाद आएगी.

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हलफनामे के मुताबिक यह माना कि सीएजी और पीएसी कीमतों को लेकर पहले ही जांच कर रही है. शायद इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट ने राफेल घोटाले में जांच के आदेश नहीं दिए. अगर कोर्ट को यह पता होता कि ऐसी कोई जांच नहीं हुई है तो शायद इस मामले में जांच के आदेश दिए जाते.

संजय सिंह ने कहा कि हमने राज्य सभा चेयरमैन को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि अटार्नी जनरल को संसद में बुलाया जाए और उनसे इस पूरे मामले में सफाई मांगी जाए. सरकार ने सिर्फ संसद ही नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह करने का प्रयास किया है.

इससे पहले राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आप सांसद संजय सिंह ने मामले में जेपीसी जांच की मांग की. उन्होंने कहा क‍ि सरकार कभी ये मानने को तैयार नहीं है क‍ि उसने भ्रष्टाचार क‍िया है. बेहतर होता क‍ि सुप्रीम कोर्ट क‍िसी जांच एजेंसी से इस मामले की जांच कराती ज‍िससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता.

सिब्बल ने भी लगाए आरोप
राफेल पर शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने राफेल के मामले में गलत जानकारी दी है. हम चाहते हैं कि पीएसी (लोक लेखा समिति) में अटॉर्नी जनरल को बुलाया जाना चाहिए, जिससे यह साफ हो सके कि एफिडेविट क्यों जमा कराए गए, जिसका वास्तव में कोई जिक्र नहीं है. यह बेहद संवेदनशील मामला है, जिस पर संसद में भी चर्चा होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले में हमेशा स्पष्ट रही है कि इस मामले के लिए सुप्रीम कोर्ट सही जगह नहीं है, यहां पर हर तरह की फाइल का खुलासा नहीं किया जा सकता. यह सुप्रीम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के हर फैसले में प्रेस रिपोर्ट और सरकार के हलफनामे का हवाला दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि अनुच्छेद 32 के तहत कोर्ट के न्यायाधिकार के कारण वो फैसला नहीं कर सकते.

आज तक इनपुट के साथ

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity