बिहार में राजनीतिक विकल्प क्यों लाखों लोग सम्मेलन में हुवे शामिल,देश में दो-पक्षीय प्रणाली का गठन किया जा रहा है सामंती और सांप्रदायिक राजनीति के विरोध में वैकल्पिक बिहार को ही देना होगा:एसडीपीआई

प्रेस विज्ञप्ति 30 अगस्त, 2020
देश की पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था को दो-पक्षीय व्यवस्था की ओर धकेल कर लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है और संघवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं बिहार में भी केवल दो ही दल शासन कर रहे हैं। इस के साथ हीं जाति के नाम पर कुछ परिवारों ने बिहार को अपने कब्जे में ले लिया है। इसी कारण यहां विकास जैसी कोई चीज नहीं है। जहां एक फिल्म अभिनेत्री के गाल जैसा सड़क का जाल लगाने का दावा किया गया था वहीं बिहार की पूरी सड़क गड्ढों से भरी दिखती है, वहीं शिक्षा और रोजगार के मामले में बिहार सबसे निचले स्तर पर है। यह बात अतिथियों ने सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के आयोजित एक ऑनलाइन सम्मेलन में कही।

इस अवसर पर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तसलीम अहमद रहमानी और राष्ट्रीय उपाधयक्ष एडवोकेट शर्फुद्दीन ने बिहार की राजनीति को ब्लैमेलिंग की राजनीति का नाम देते हुए कहा कि बिहार में यादव मुस्लिम और यादव दलित और ओबीसी के नाम पर सांप्रदायिक ब्लैकमेलिंग की राजनीति होती रही है लेकिन वास्तव में तो राजनेताओं के पास बिहार के विकास के लिए कोई रोड मैप नहीं था। ना तो ये दलित, ओबीसी और मुसलमानों का कोई भला कर सकते हैं, इसलिए इस राजनीति के खिलाफ एक नया राजनीतिक विकल्प लाने की आवशयकता है, जो की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी के तौर पर उभर रही है। इस अवसर पर दलित कार्यकर्ता राज रतन अम्बेडकर ने कहा कि आजादी के बाद से लगभग 70% लोग विकास और बुनियादी मुद्दों की राजनीति का विकल्प तलाश रहे हैं। इसकी आवश्यकता केवल बिहार में हीं नहीं बल्कि पूरे देश में है जो बिहार से शुरू होनी चाहिए। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय महासचिव ने बिहार में कोरोना की उच्च संख्या पर कहा कि जो लोग कोरोना से मरते हैं, वे कोरोना के कारण नहीं मर रहे हैं, बल्कि राजनीति की कारण से मर रहे हैं क्योंकि राज्य की चिकित्सा प्रणाली 70 वर्षों में तय नहीं की जा सकी। उन्होंने कहा कि बाढ़ में जीवन और संपत्ति के नुकसान का असली कारण बाढ़ नहीं है, बल्कि राजनीति है जो बाढ़ को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा सकी।

जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने भी बिहार के दोनों क्षेत्रीय दलों को निहित स्वार्थ और पूर्ण विफलता बताया और कहा कि एक विकल्प आना चाहिए और कहा कि हमारे राजनीतिक बुद्धिजीवियों द्वारा किए गए प्रयास सराहनिय है, वक्ताओं ने कहा कि केवल बिहार ही देश में जाति और सामंती राजनीति और दो-पक्षीय राजनीति के खिलाफ विकल्प शुरू कर सकता है और बिहार को अब इसके लिए कदम उठाने चाहिए। सम्मेलन में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया बिहार के प्रदेश अध्यक्ष नसीम अख्तर साहब ने भी सभा को संबोधित किया
इस ऑनलाइन सम्मेलन में फेसबुक और यूट्यूब पर लाखों की संख्या में लोगों ने भाग लिया

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity