राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों मे मुस्लिम समुदाय का घटता प्रतिनिधित्व।

हालात चिंताजनक व सोचने को मजबूर करने वाले बन चुके है।

।अशफाक कायमखानी।जयपुर।
भारत के प्रत्येक प्रदेश मे सरकारी नीतियों व योजनाओं को क्रियान्वयन करते हुये उनको जनता तक पहुंचाने के अलावा अपने क्षेत्र की कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये प्रदेश स्तर पर प्रशासनिक सेवाओं के अधिकारियों का अपना एक केडर होता है। राजस्थान मे राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) अधिकारियों का भी केडर कायम है। राजस्थान मे कुल 816 राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों का केडर है। जिनमे 479 अधिकारी सीधे तौर पर राजस्थान लोकसेवा आयोग के मार्फत चयन होकर आते है। एवं 337 तहसीलदार सेवा से पद्दोनत होकर आते है।

राजस्थान लोकसेवा आयोग के मार्फत चयनित होकर आने वाले राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की सूची मे मुस्लिम प्रतिनिधित्व मामूली है। पर तहसीलदार सेवा से पद्दोनत होकर आने वाले अधिकारियों को शामिल करने पर मोजुदा समय मे कुल 816 के केडर मे मात्र 23 मुस्लिम अधिकारियों का नाम शामिल पाया जाता है। समुदाय के उक्त सेवा मे बनी चिंताजनक हालात के जिम्मेदार कोई अन्य कतई नही है। बल्कि स्वयं समुदाय की उक्त सेवाओं के प्रति उदासीनता व शिक्षा पाने के प्रति ललक का अभाव मात्र है।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा RAS के अधिकारियों की सूची–
नाम। सेवानिवृत्ति दिनांक
1-असलम शैर खान। 31/5/36
2-असलम मेहर 31/8/20
3-अकील खान। 30/6/36
4-अय्यूब खान। 3/04/31
5-अबू सुफियान। 31/7/34
6-अंजुम ताहिर शम्मा। 31/8/42
7-अमानुल्लाह खान। 30/6/26
8-अजीजुल हसन गौरी। 30/9/25
9-इकबाल खान। 28/2/29
10-हाकम खान। 30/5/34
11-जमील अहमद कुरैशी। 31/12/21
12-जावेद अली। 31/8/35
13-मोहम्मद अबू बक्र। 31/8/39
14-मोहम्मद सलीम। 30/6/44
15-नसीम खान। 30/4/45
16-रुबी अंसार। 28/2/51
17-सना सिद्दीकी। 31/7/45
18-शीराज जैदी। 28/2/45
19-सतार खान। 31/7/23
20-सैय्यद मुकर्मशाह। 31/8/29
21-शौकत अली। 30/6/22
22-शाहीन अली खान। 31/7/32
23-ताहिर अख्तर। 30/6/29

किसी समय जयपुर के मोतीडूंगरी रोड़ पर नानाजी की हवेली मे सर्विस गाईडेंस ब्यूरो चला करता था। मोजुदा अधिकारियों मे से अधीकांश उसी गाईडेंस ब्यूरो की उपज बताते है। उसके बंद होने के बाद प्रदेश भर मे उक्त तरह का किसी भी स्तर पर कहीं भी गाईडेंस ब्यूरो नही चलना भी घटते प्रतिनिधित्व का प्रमुख कारण बताया जाता है। साथ ही पीछले 25-30 साल से समुदाय की जकात व इमदाद पर कुछ लोग अन्य प्रदेशो के यहां आकर अपने यहां से भेजकर प्रदेश मे अलग अलग रुप से अपने हिसाब से जमाये ऐजेंट के मार्फत जमा करके उसको अपने हिसाब से खुर्द बूर्द करने के कारण राजस्थान मे ढंग का गाईडेंस ब्यूरो कायम नही हो पाया है।

कुल मिलाकर यह है कि दिल्ली मे रिटायर्ड राजस्व सेवा के अधिकारी जफर महमूद द्वारा कायम जकात फाऊण्डेशन द्वारा जिस तरह से भारतीय सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने का इंतजाम करके बेहतरीन रजल्ट दे रहे है। उसी तर्ज पर राजस्थान मे भी जकात फाऊंडेशन बनाकर उसके मार्फत उक्त फिल्ड मे काम किया जाये तो सुखद परिणाम आ सकते है। इसके लिये किसी ना किसी को पहल करनी होगी अन्यथा भविष्य पर छाई घटाघोप विकराल रुप धारण कर सकती है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity