चाईजुर रहमान, गुवाहाटी, 5 मार्च:पुरे बिश्व में कोरोना की कहर के चलते भारत में लॉक डाउन की घोषणा करने के बाद महानगर की फुटपाथ तथा भिन्न रस्ते, जगह में रहे जानवरो को भी खाने-पीने को लेकर बहुत दिक्कतो का सामना करना पर रहा है। गाय, बन्दर, कुत्ता जैसे जानवर, जो महानगर के फुटपाथ तथा भिन्न रस्ते, जगह में रहके खाने का जुगार करते थे अभी लॉक डाउन में सुनसान महानगर, बाजार में खाद्य की खोज में भटकता दिखाई दे रहे। गरीब, मजदुर जनता को तो सरकार व समाजिक संगठनों द्वारा खाद्य का मुहैय्या कराया जा रहा है लेकिन ऐसे जानवरो की खाने-पीने को लेकर भी चिंतित है प्रकृतिप्रेमी, पशुप्रेमी। गौहाटी के बिशिष्ठ समाजसेवी अस्मा बेगम ने ऐसे जानवरो को खाना मुहैय्या कराके एक अनमोल मिसाल रखे है। लॉक डाउन के इस दौरान उन्होंने गौहाटी में घूम घूम के जानवरो को खाना खिलाया।
गौहाटी के उत्तर-पुर्बी गौहाटी, खालसा सेंटर, गुरुद्वारा फैंसी बजार आदि जगह के रस्ते, फुटपाथ में रहे गाय, कुत्ता, बन्दर आदि जानवरो को खाना खिलाया। इंटरनेशनल ह्यूमन राईटस आर्गेनाइजेशन, उत्तर-पूरब राज्य के Chairperson अस्मा बेगम ने संगठन की बैनरतले किये इस कार्य में उनके साथ मौजूद रहे मृण्मयी गौश्वामी, ओइनितम ओझा। अस्मा बेगम ने कहा की इस प्रकृति का हिस्सा है जानवर। जानवरो के बिना प्रकृति का सौन्दर्य सोच भी नही सकता। लॉक डाउन के दौरान भुग से पीड़ित जानवरो को खाना खिलाना भी मानवता का एक हिस्सा है। अस्मा बेगम की इस अनोखा कार्य को बहुत लोगो ने सराहा। असम पुलिस व डीजीपी भास्कर महंत ने सोशल मीडिया में फ़ोटो सह पोस्ट करके अस्मा बेगम और इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन, उत्तर-पूर्ब कमिटी का बहुत तारीफ की। डीआईजी,SSB; असम पुलिस, एसपी सिक्यूरिटी, स्पोर्ट्स डायरेक्टर और यूनिवर्सिटी साइंस एंड टेक्नॉलॉजि ने इस सराहनीय कार्य में सहयोग किया।