शहनवाज हुसैन/मिल्लत टाइम्स,मधेपुरा : कोरोना वायरस को लेकर मधेपुरा में जहां चिकेन और मटन की बिक्री पर प्रतिकूल असर पड़ा है, वहीं मछली व्यवसाय में इजाफा दर्ज किया गया है. इसके कारण मछली व्यवसायी खुश दिखाई दे रहे हैं. हो भी क्यों न, जब सारे व्यवसायों का खस्ता हाल हो तो ऐसे में किसी व्यवसाय में तेजी अच्छी खबर ही होगी.
दरअसल, कोरोना वायरस के बारे में यह अफवाह थी कि मटन और चिकन खाने से यह वायरस फैलता है. इसी अफवाह के कारण मधेपुरा के अधिकांश चिकेन की दुकान बंद हो गई है और लोगों का रूझान अब मछलियों के तरफ ज्यादा होने लगा है. इसका परिणाम है कि अकेले सिंघेश्वर मछली मंडी में आज 5 से 10 लाख रुपए के मछली का कारोबार हुआ है.
मछली कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि जो मछलियां पहले 180 रूपए किलो बेची जाती थीं, अब वह 240 से ढाई सौ रूपए के दामों पर बिकने लगी हैं. वहीं चिकेन बेचने वाले दुकानदारों के सामने रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है.
दूसरी ओर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ श्याम बिहारी का कहना है कि नॉनवेज खाने से कोरोना का असर नहीं होता है. क्योंकि हम लोग जो भी खाद्य पदार्थ लेते हैं, उसे पकाया जाता है जिससे कोई नुकसान नहीं होता है. ऐसे परिवेश में इन खाद्य पदार्थों के बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं वह बिल्कुल ही गलत है.
खैर, मामला चाहे जो भी हो मगर इस अफवाह से मधेपुरा के चिकेन व्यवसाय पर व्यापक असर पड़ा है. अगर हम मटन की बात करें तो मटन के कारोबार पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. दिलचस्प बात यह है कि कोरोना का ज्यादातर असर सीफूड खाने की वजह से हो रहा है. बताया जा रहा है कि समुद्री जीवों के खाने से ही चीन, इटली और ईरान जैसे देशों में कोरोना का व्यापक असर देखने को मिला है.
ऐसे में चिकेन छोड़ मछली पर टूट पड़ने का लोगों का फैसला कितना सही है, यह वही जानें.