मऊ में नागरिकता संशोधन विधयक के विरोध में सड़कों पर उतरा जनसैलाब

प्रेस नोट : मऊ नागरिक मंच की की तरफ से मऊ जिला मुख्यालय के कलेक्ट्रेट परिसर में सरकार की जनविरोधी नीतियों, संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन कानून में किए गए भेदभाव पूर्ण संशोधन के खिलाफ ज़बरदस्त धरना प्रदर्शन किया गया।

आज के धरने में सपा, बसपा, कांग्रेस बामदल के अतिरिक्त मऊ के बुनकरों, व्यपारियों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। कोहरे और ठंड के बावजूद भी बुजुर्ग और नौजवान जब हाथों में तख्तियां लिये सड़को पर जोक दर जोक उतरने लगे तो ज़िला प्रशाशन और पुलिस के पसीने छूटने लगे। धरने में आने वाले लोगो के हाथों में बड़ी संख्या में राष्ट्रीय ध्वज होने से एक अलग किस्म का उत्साह देखने को मिला। धरना स्थल तक पहुचने में सदर चौक, मिर्ज़हदीपुरा, ख़िरीबाग रोड, चांदपुरा रॉड, रघुनाथपुरा से मुंशीपुरा तक के लोग आना आरम्भ हुए हुए। कोपागंज, घोसी, पुराघाट, मोहम्दाबाद, खैराबाद, वलीदपुर, अदरी, से भी लोगो ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया।
आज़मगढ़ मोड़ से कलक्ट्रेट तक की सड़क पर इंसानों का सैलाब दिखने लगा।
लोगों की इतनी बड़ी संख्या होने के बावजूद भी अद्भुत अनुशाशन ने बता दिया कि आंदोलनकारी लम्बी पारी खेलने को मन बनाकर मैदान में उतरे है।
कलेक्ट्रेट परिसर में कही तिल रखने की जगह नही थी और चारो तरफ की सड़कें भी खचाखच भरी हुई थी।

धरना स्थल पर सुरक्षा की कमान अपर पुलिस अधीक्षक ने अपने अधीनस्थों और पीएसी साथ सभाल रखी थी तो वहीं RAF के जवान नगर की सभी सड़को पर मोर्चा सभालने में लगे थे। पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल लगातार यातायात ब्यवस्था और आने वाले जवानों को समझाते देखे गए। स्टेज की कमान सालिम अंसारी, अरविंद मूर्ति, कॉमरेड इम्तेयाज़, वीरेंद्र कुमार, अल्ताफ अंसारी और हाजी इक़बाल मोहम्मदी ने सभाल रखी थी।

धरने के उपरांत सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्याधेश को सम्बोधित मांगपत्र मऊ नागरिक मंच के संयोजक अरविंद मूर्ति ने पढ़कर वहां मौजूद जनता से हाथ उठवाकर पास कराया।

मुख्य न्यायधीश महोदय को सम्बोधित ज्ञापन में कहा गया कि सरकार द्वारा संसद से पारित *राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग*(एन.जे.ए.सी.)को **कानून बनने के बाद जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किया गया* उसी तरह *संविधान विरोधी संसद द्वारा पारित **नागरिकता संशोधन कानून को भी रद्द किया जाए*

ज्ञापन में मांग की गई के उ0प्र0 में योगी जी की सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA)-NRC-NPR के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक आवाजों पर चौतरफा हमला बोल दिया है। अभी तक 20 से ज्यादा लोग पुलिस की हिंसा में मारे जा चुके है। ऐसे वीडियो प्रमाण मिल रहे हैं,जिनमें पुलिस मुस्लिमों को भद्दी-भद्दी साम्प्रदायिक गालियां व जान से मारने की धमकियां दे रही है।और उनके घरों में लूटपाट व तोड़फोड़ कर रही है, जिसपर आप द्वारा कार्यवाही की जाए, व राज्यों द्वारा पुलिस के बल पर जनता के दमन पर रोक लगाने हेतु अपने दिशा निर्देशों अनुसार पुलिस सुधार तत्काल लागू करवायें।

मांग पत्र में कहा गया कि पुलिस एंव सशस्त्र बलों द्वारा नागरिकों को कमर से ऊपर गोली मारने पर मरने वालो की हत्या का मुकदमा गोली मारने वाले पर दर्ज किया जाए इसके लिये बाध्यकारी निर्देश जारी करें।

उ0प्र0के कई शहरो,व अलीगढ़, मऊ जामिया,जेएनयू विश्वविद्यालय में किये गये पुलिसिया दमन की सर्वोच्च न्यायलय द्वारा न्यायिक जाँच कराई जाए।

विरोध प्रर्दशनों में शामिल (गैर भाजपा) राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओ,मानवाधिकार कार्यकर्ताओ व आम नागरिकों को गिरफ्तार कर जेलों में डाला जा रहा है। पुलिस जुलूस में शामिल निर्दोष नागरिकोंं की फोटो पोस्टरों,अखबारो में छाप कर *वान्टेड* नोटिस जारी कर रही है, उसपर तत्काल रोक लगाई जाए और हानि के नाम पर भेजी गयी वसूली की नोटिसों को रद्द किया जाए।

मऊ सहित उ0प्र0 के अन्य शहरो में प्रर्दशनकारियों पर दर्ज F.I.R में जाँच कर निर्दोर्षो से मुकदमे वापस लिए जाए।

प्रेस,मीडिया की निष्पक्षता हेतु पत्रकारों के लिए बनाये मजीठीया वेज बोर्ड की सिफारिशों को तत्काल प्रभाव से लागू करवायें।

8-संविधान के नीति निर्देशक सिद्धातो के अनुरुप लोगों को शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार और आय में हो रही गैर बराबरी पर रोक के लिए सरकारों को बाध्य किया जाए।
8 सूत्री मांगपत्र नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया। नगर मजिस्ट्रेट ने मांगपत्र लेने के बाद आश्वश्त किया कि आज ही माननीय सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्याधीश महोदय को आपका मांग पत्र पहुचा दिया जाएगा।

सभा को प्रमुख रूप से कांग्रेस पार्टी समाजवादी पार्टी, भाकपा, माकपा, भाकपा(माले) एसयूसीआई(सी)इंकलाबी मजदूर केंद्र, किसान मजदूर संगठनों, बुनकर वाहिनी, साहित्यिक सांस्कृतिक, व्यापारिक संगठनों ने भाग लिया।

सभा को मुख्य रूप से पूर्व विधायक इम्तियाज अहमद, पूर्व विधायक सुधाकर सिंह,पूर्व विधायक अमरीश चंद्र पांडे, पूर्व विधायक बैजनाथ पासवान, वरिष्ठ वामपंथी नेता जयप्रकाश नारायण, सपा जिलाध्यक्ष धर्म प्रकाश यादव, नगर पालिका अध्यक्ष तैय्यब पालकी, पूर्व चेयरमैन अरशद जमाल, राष्ट्र कुंवर सिंह, अर्चना उपाध्याय, राम सोच यादव, वीरेंद्र कुमार, बसंत कुमार, जयप्रकाश धूमकेतु, राम अवतार सिंह,हाजी इकबाल मोहम्मदी, यूपी राय एडवोकेट, त्रिभुवन शर्मा, अल्ताफ अंसारी, इकबाल अंसारी, रामजी सिंह सहित दर्जनों नेताओं ने संबोधित किया, जनसभा का संचालन अरविन्द मूर्ति ने किया।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity