गुटों में बंट कर नहीं संगठित होकर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करें – शकील मोइन , मोतिहारी में सर सैयद डे का आयोजन ,

ए०एम०यू० ओल्ड बॉयज एसोसिएशन, पूर्वी चंपारण के तत्वावधान में  सर सैयद दिवस समारोह का आयोजन ,

अलीगढ़ का तराना पढ़ती छात्राएं , साथ में ओल्ड बॉयज एसुशियेशन के सदस्य

मोतिहारी ( फजलुल मोबीन )

ए०एम०यू०ओल्ड बॉयज एसोसिएशन, पूर्वी चंपारण के तत्वावधान में मदरसा अंजुमन इस्लामिया,मोतिहारी में सर सैयद दिवस समारोह का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष हॄदय रोग विशेषज्ञ डॉ०तबरेज आलम और संचालन सैयद साजिद हुसैन ने किया।

 

समारोह की शुरुआत कलाम पाक की तिलावत से हुई। जबकि मुहिब्बुल हक खान के पुत्र द्वारा नात शरीफ सुना गया ।

संबोधन करते मुहीब्बुल हक खान

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि वरीय अलीग अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश,बेतिया सगीर आलम ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का समय शिक्षा के महत्व पर विचार करने का नहीं है।आज दुनिया चांद और मंगल के नये अभियान पर है ।ऐसे में अगर हम शिक्षा के महत्व पर पारंपरिक रूप में भाषण कर के समय बर्बाद करेंगे तो फिर शिक्षा कब हासिल करेंगे।उन्होंने कहा कि दुनिया में कोई चीज स्थायी नहीं है स्थायी सिर्फ परिवर्तन है।इसलिए समय की मांग के अनुसार हमें परिवर्तनकामी होना पड़ेगा।
बतौर विशिष्ट अतिथि प्रख्यात मंच संचालक और शायर डॉ०शकील अहमद मोईन ने कहा कि आज का समय फिरकों और गिरोहों में बंटने का नहीं है बल्कि संगठित हो कर अच्छा कुछ बनाने का है।सर सैयद अहमद खान ने अपना लक्ष्य तय किया और आलोचनाओं की परवाह किये बिना सब को साथ लेकर चलने के जज्बे के साथ तालीम की जो तहरीक शुरू की उसे मंजिल की गोद में ला कर डाल दिया।हम फिरकों में बंटे हैं और हमारी नस्ल सड़क के किनारे पैंकचर बना रही है,सड़क के किनारे टोपी पहने कर मुर्गे काट रही है,होटलों में बर्तन साफ कर रही है।

 

प्रोग्राम के अध्यक्ष , हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ मोहम्मद तबरेज आलम संबोधन करते हुए ।

पूर्व विभागाध्यक्ष,उर्दू विभाग बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर फारूक अहमद सिद्दीकी ने कहा कि 2 सौ साल के लंम्बे समय में सर सैयद अहमद खान जैसा कौम का कायद पैदा नहीं हुआ।सर सैयद एक विद्वान,एक महान शिक्षाविद,एक फिलॉस्फर और कौम के सच्चे दर्दमंद थे।

अतिथियों का स्वागत करते गुलरेज शहजाद

वहीं भोजपूरी एवं हिन्दी जगत के सुप्रसिद्ध कवि गुलरेज शहजाद ने कहा कि : सर सैयद के शहजादे सिर्फ चर्बज़बानी से अपना काम चला रहे हैं।मैदाने अमल में उनकी कारकर्दगी सिफर है।ज़रूरत इस बात की है कि अलीग बिरादरी के लोग जहां हैं वहीं मैदाने अमल में उतर कर सर सैयद का कर्ज अदा करें।
उक्त अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एकबाल हुसैन अंग्रेजी विभाग,मुंशी सिंह महाविद्यालय मोतिहारी ने आए अतिथियों का अभिनंदन किया और स्वागत भाषण भी किया ।

प्रोफेसर एकबाल हुसैन आए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए

जबकि सर सैयद वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष मोहिब्बुल हक खान ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
सर सैयद दिवस समारोह के अवसर पर स्कूली बच्चे-बच्चियों के बीच सर सैयद अहमद खान के व्यक्तित्व और कृतित्व पर भाषण प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले हंजला फरीदी को सर्टिफिकेट और मेडल देकर सम्मानित किया गया ।
सर सैयद दिवस समारोह का समापन प्रसिद्ध अलीगढ़ तराना से हुआ।जिसे अलहम्द पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने तैयार किया था।

 

प्रोग्राम में उमड़ी भीड़

उक्त अवसर पर कैप्टन अब्दुल हमीद , वसील अहमद खान , पत्रकार ओजैर अंजुम, पत्रकार इंतज़ार उल हक, डॉ जमाल अख्तर, डॉ सीताब हसन, डॉ। फिरोज आलम, तारिक अनवर चंपारानी, ​​सबा अख्तर शोख , नासिर वसीम कौसर, डॉ कासिम अंसारी, माउंट सेना अकेडमी के निदेशक अनिसुर रहमान  कारी अरशद, उजैर सालिम, अनवर कमाल सहित ए०एम०यू०ओल्ड बॉयज एसोसिएशन, पूर्वी चंपारण के सदस्यों के अतिरिक्त शहर के बुद्धिजीवी और आम लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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