अशफाक कायमखानी।जयपुर।
राजस्थान मे नवम्बर माह मे कुल 193 मे से 46-पुरानी व 06 नवगठित को मिलाकर प्रदेश के 25-जिलो के बावन शहरो मे शहरी सरकार गठित होने के लिये स्थानीय निकाय के चुनाव होने के लिये सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी सहित प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने चुनाव की तैयारी करने का सीलसीला शुरु करने के अलावा चुनाव विभाग ने 18-सितंबर को जिला स्तर पर वार्डों की वर्ग वार लाटरी निकालने के बाद अब मेयर, सभापति व अध्यक्ष की लाटरी भी इसी महिने के आखिर तक निकलना माना जा रहा है। बसपा के छ विधायको के कांग्रेस मे शामिल होने के बाद कमजोर हो चुकी बसपा के जमीनी कार्यकर्ताओं मे कांग्रेस के प्रति पनपा आक्रोश स्थानीय निकाय चुनाव मे भड़क सकता है। दूसरी तरफ भारत के तेजतर्रार सांसद असदुद्दीन आवैसी की पार्टी आल इंडिया इतेहादुल मुस्लेमीन AIMIM के राजस्थान मे पहली दफा स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने की दस्तक से कांग्रेस खेमे मे बैचेनी पैदा कर दी है।
नवम्बर-2019 महिने मे प्रदेश की एक मात्र अजमेर नगर निगम को छोड़कर बाकी सभी छ नगर निगमों के साथ अन्य छयालीस नगर परिषद व नगर पालिकाओं मे चुनाव होने है। जिसमे मेयर व अध्यक्ष का चुनाव सीधे आम मतदाताओं द्वारा होने से अब यह चुनाव बडे दिलचस्प हो गये है। कांग्रेस मानकर चल रही थी कि शहरो मे रहने वाले मुस्लिम समुदाय के मतदाताओ के सामने भाजपा का चेहरा दिखाने पर विकल्प ना होने के कारण वो अपने आप कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष मे मतदान करने उमड़ आने से कांग्रेस उम्मीदवारों के जीतने के चांसेज अधिक हो जायेगे। लेकिन तेज तरार मुस्लिम सांसद असदुद्दीन आवेसी ने जीस तरह पहली दफा महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव मे चुनाव लड़कर वहां के मतदाताओं को विकल्प देकर वहां की जमीन को अपने लिये उपजाऊ बनाकार विधानसभा व लोकसभा चुनाव मे कामयाबी का ढंका बजाया था ओर अब फिर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मे मजबूती से चुनाव मे उतरने की तर्ज पर राजस्थान के स्थानीय निकाय चुनाव मे उतरने की दस्तक मात्र से कांग्रेस खेमे मे बडी बैचेनी देखी जा रही है।
नवम्बर मे होने वाले 52-स्थानीय निकाय चुनाव मे अनुमानित मतदान करने वाले कुल मतदाता 68 लाख 60 हजार 271 मतदाताओ मे 35 लाख 62 हजार 704 पुरुष व 96 हजार 981 महिला एवं 84 थर्ड जेंडर मतदाता है। वही 1-जनवरी 2019 को 18-साल की आयु पूरा कर चुके युवक युवतियां 23-सितम्बर तक मतदाता सूची मे नाम दर्ज करवा सकते है। इसके बाद निर्वाचन विभाग 18-अक्टूबर को अंतिम मतदाता सूची जारी करेगा। दूसरी तरफ पूनर्गठित वार्डो के बाद उक्त बावन क्षेत्रो मे 2-हजार 455 वार्ड के 6 हजार 725 मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया सम्पन्न होगी।
हालांकि AIMIM के सूत्रोनुसार महाराष्ट्र मे सांसद आवेसी ने प्रकाश अम्बेडकर की पार्टी के साथ समझौता करके लोकसभा चुनाव लड़कर अच्छे खासे मत पाने के अतिरिक्त ओरंगाबाद से एक सांसद इलियास जमील भी उनके दल का चुनाव पहली दफा जीत पाया था। जबकि उनके चार विधायक भी महाराष्ट्र विधानसभा मे मोजूद है। राजस्थान के विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM के नवम्बर मे होने वाले 52-क्षेत्रो मे स्थानीय निकाय चुनावो मुस्लिम व दलित बहुल क्षेत्रो मे चुनाव लड़ने की दस्तक से कांग्रेस खेमे मे काफी बैचेनी देखी जा रही है। एक कांग्रेस नेता का मानना है कि कांग्रेस की गहलोत सरकार मे विभिन्न स्तर पर उचित प्रतिनिधित्व ना मिलने एवं केवल मात्र अच्छा फेवरेबल मतदाता मानने से मुस्लिम समुदाय मे पनप रहे आक्रोश का इस्तेमाल करके AIMIM नेता खुद कितने चुनाव जीत पायेगे यह भविष्य के गर्भ मे छूपा है। लेकिन वो कांग्रेस सरकार मे गठित अनेक मामलो को मुद्दे बनाकर कांग्रेस की लूटीया जरुर डूबो सकते है। खासतौर पर मुस्लिम समुदाय के युवाओं मे सांसद आवेसी का काफी क्रेज देखने को मिलता है।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान मे कांग्रेस-भाजपा मे सीधा मुकाबला होने के समय विकल्प की कमी की विवसता के चलते मुस्लिम मतो का कांग्रेस की तरफ अपने आप खींचे चले आने के अलावा बसपा के सभी छ विधायको के कांग्रेस मे शामिल होने के बाद स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर काफी उत्साह के बाद अचानक सांसद ओवेसी की पार्टी के चुनाव लड़ने की खबरो ने कांग्रेस खेमे मे बैचेनी पैदा कर दी है।