मिल्लत टाइम्स,पटना:नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) बिहार से बाहर एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी। पटना में हुई जदयू कीराष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला लिया गया है कि पार्टी आने वाले समय में 4 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। पार्टी ने यह फैसलादिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखकर लिया। बैठक मेंपार्टी काविस्तार करने और संगठन को मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई।
बताया जा रहा है कि मोदी केमंत्रिमंडल में जदयू के शामिल न होने को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई। एनडीए में भाजपा की सहयोगीजदयू के कोटे से किसी भी मंत्री ने मोदी के साथ मंत्रीपद की शपथ नहीं ली थी। भाजपा ने एक मंत्री पद की पेशकश की थी। हालांकि, जदयू का कहना था कि वह सिर्फ प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व नहीं चाहती।
प्रशांत किशोर के ममता के साथ काम करने पर चर्चा नहीं
जदयू महासचिव केसी त्यागी ने बताया, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ जदयू के उपाध्यक्षप्रशांत किशोर के काम करने को लेकर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा,”पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पहले ही सारी बातें स्पष्ट कर चुके हैं। इसके बाद इस मामले पर चर्चा करने का सवाल नहीं उठता।नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा था कि प्रशांत की एक कंपनी है, जो राजनीतिक दलों के लिए प्रचार अभियान का जिम्मा संभालती है। इस संगठन का जदयू से कोई लेना-देना नहीं।”
ममता की पार्टी के लिए रणनीति बनाएंगे प्रशांत
प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता से मुलाकात की थी। किशोर बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के लिए रणनीति बनाएंगे। हाल ही में हुए आंध्र के विधानसभा चुनाव में वाईएसआर की चुनावी रणनीति प्रशांत किशोर ने ही तैयार की थी। जगन मोहन रेड्डी (46) की पार्टी को 175 में से 151 सीटें मिलीं। जगन ने तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू को हराया और मुख्यमंत्री बने। इससे पहले वे 2014 में भाजपा और 2017 में कांग्रेस के लिए भी काम कर चुके हैं।
(सोर्स भास्कर)