अशफाक कायमखानी।जयपुर।
भारत मे 2014 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा की आंधी मे जीतकर आने वाले मुस्लिम सांसदों के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा की सूनामी के बावजूद तेईस की तादाद के मुकाबले मे चार मुस्लिम सांसद बढकर अब सताईस जीतकर आने वाले सांसद हो गये है।
2019 के लोकसभा चुनाव मे जीतकर आने वाले मुस्लिम सांसदो मे आसाम से बदरुद्दीन अजमल, व अब्दुल खालीक, केरल से ए.एम आरीफ, पी.के कुन्हालीकुट्टी व ई टी मोहम्मद बशीर, तमिलनाडु से के.नवास कानी, बंगाल से नुसरत जहां रुही, आपरुपा पोद्दार ( आफरीन अली), अबू हासिम चोधरी, खलीलुर्रहमान, अबू ताहिर खान व सजदा खान, तेलंगाना से असदुद्दीन आवेसी, महाराष्ट्र से इम्तियाज जलील, लक्ष्दीप से मोहम्मद फैजल, पंजाब से मोहम्मद सादिक, जम्मू कश्मीर से हुसैन मसूदी, मोहम्मद अकबर लोन, व फारुक अब्दुल्ला, बिहार से चोधरी महबूब अली कैसर व मोहम्मद जावेद, यूपी से कुवंर दानिस अली, अफजाल अंसारी, एस टी हसन,आजम खान, हाजी फजलूर्रहमान, व डा.शफीकुर्रहमान बर्क
भारतीय संसद मे 2019 के लोकसभा चुनाव मे 23 मुस्लिम सांसद चुने जाने के अलावा 1952- मे 11,1957-मे 19,1962-मे 20,1967-मे 25,1971-मे 28,1977-मे 34,1980-मे 49,1984-मे 42,1989-मे 27,1991-मे 25,1996-मे 29,1998-मे 28,1999-मे 31, 2004-मे 34, 2009-मे 30, 2014-मे 23 मुस्लिम सांसद चुनाव जीत कर संसद मे गये थे।
कुल मिलाकर यह है कि भाजपा के इन लोकसभा चुनाव मे केवल मात्र तीन मुस्लिम उम्मीदवार बनाये एवं कांग्रेस ने भी मुस्लिम उम्मीदवार बनाने मे कंजूसी बरती। हां जहां से गठबंधन या तीसरे फ्रंट से उम्मीदवार मुस्लिम थे वहां से कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की कोशिशें करने के बावजूद मतदाताओं को कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारो को छोड़कर बाकी दलो के उम्मीदवारों को तरजीह दी। देखते है कि मोजूदा बनने वाली लोकसभा मे भाजपा मुस्लिम सांसद विहीन होने के बाद भी अन्य सभी सताईस मुस्लिम सांसद जनता की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते है।