पद संभालते ही एक्शन मे CBI चीफ अलोक वर्मा,5 अधिकारियों का किया ट्रांसफर

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:सीबीआई निदेशक पद पर बहाली के दूसरे दिन आलोक वर्मा ने जांच एजेंसी के पांच आला अफसरों का तबादला कर दिया। इनमें दो ज्वाइंट डायरेक्टर, दो डीआईजी और एक असिस्टेंट डायरेक्टर शामिल हैं। इससे पहले उन्होंने अंतरिम निदेशक एल नागेश्वर राव के ज्यादातर ट्रांसफर आदेशों को रद्द कर दिया था। वर्मा को छुट्टी पर भेजने के केंद्र के फैसले के बाद राव को अंतरिम निदेशक बनाया गया था। राव ने वर्मा की टीम के 10 सीबीआई अफसरों के ट्रांसफर किए थे।

ट्रांसफर किए अधिकारियों में ज्वाइंट डायरेक्टर अजय भटनागर, ज्वाइंट डायरेक्टर मुरुगेसन, डीआईजी एमके सिन्हा, डीआईजी तरुण गौबा और असिस्टेंट डायरेक्टर एके शर्मा के नाम हैं। इसके अलावा अनीश प्रसाद को मुख्यालय में डिप्टी डायरेक्टर (एडमिनिस्ट्रेशन) बनाए रखने और केआर चौरसिया को स्पेशल यूनिट-1 (सर्विलांस) की जिम्मेदारी सौंपी गई।
31 जनवरी को रिटायर होंगे वर्मा
सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और डायरेक्टर आलोक वर्मा ने एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके बाद सरकार ने सीवीसी की सिफारिश पर 23 अक्टूबर 2018 को दोनों ही अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया था। इस फैसले के खिलाफ आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 77 दिन बाद दोबारा बहाल कर दिया। हालांकि, आलोक वर्मा का कार्यकाल 31 जनवरी को खत्म हो रहा है।

चयन समिति करेगी वर्मा के भाग्य का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर चयन समिति को फैसला करने का निर्देश दिया है। नियमानुसार, सीबीआई निदेशक का चयन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति करती है। चीफ जस्टिस और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष (या सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता) इसके सदस्य होते हैं। अगर इनमें से कोई सदस्य बैठक में शामिल नहीं होता है तो फैसला अगली बैठक तक टाल दिया जाता है।

सरकार के फैसले के बाद 10वीं मंजिल पर स्थित वर्मा के दफ्तर को सील कर दिया गया था। वर्मा ने सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्हें 19 जनवरी 2017 को दो साल के लिए सीबीआई निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया था।

समिति की दूसरी बार बैठक हुई
अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की तरफ से नामित किए गए जस्टिस एके सीकरी इस उच्चाधिकार समिति के सदस्य हैं। समिति की पहली बैठक बुधवार को हुई थी। लेकिन सीवीसी की तरफ से कागजात नहीं मिलने पर फैसला टाल दिया गया था। गुरुवार को इस समिति की दूसरी बैठक हुई।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity