कंप्यूटर पर निगरानी को लेकर भड़के राम गोपाल यादव, पूछा-क्या सरकार किसी के बीवी के बेडरूम मे झांकेंगे

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कंप्यूटर पर निगरानी से जुड़ा निर्णय लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। संसद भवन परिसर में जब प्रो. राम गोपाल यादव को इसे लेकर भाजपा के सांसद की प्रतिक्रिया बताई गई तो वह तपाक से बोल पड़े कि क्या आप (सरकार) उनकी बीवी से हो रही बातें सुनेंगे।

उन्होंने सवाल किया कि क्या आप किसी के बेडरूम में झाकेंगे और उनकी निजता का हनन करेंगे। समाजवादी पार्टी नेता ने कहा कि यह सरकार पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों और तीन राज्य में मिली हार से बौखला गई है। यह लोगों को निजता के अधिकार का हनन करने पर तुली है।

अपने लिए गड्ढा न खोदें
प्रो. राम गोपाल ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को हल्के लहजे में गंभीर चेतावनी दे डाली। प्रो. ने कहा कि यह सरकार केवल चार महीने के लिए सत्ता में है। चार महीने बाद मोदी सरकार सत्ता से हट जाएगी और नई सरकार आएगी। इसलिए मेरी सरकार को सलाह है कि वह अपने लिए कोई गड्ढा न खोदे। रामगोपाल यादव ने कहा कि सरकार का यह आदेश उच्चतम न्यायालय के आदेश और संविधान में आम आदमी को प्राप्त मूल भूत अधिकार का हनन है

केंद्र में दो जासूस : संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि एक पुरानी फिल्म दो जासूस आई थी। इस समय देश की सत्ता में दो जासूस बैठे हैं। यह आम लोगों के बेडरूम, कंप्यूटर, मोबाइल हर जगह पर पहुंच बनाने में लगे हुए हैं। जैसे इन्होंने पूरे देश में मॉब लिंचिंग को पहुंचाया है उसी तरह से अलोकतांत्रिक निर्णय लेकर लोगों की निजता में दखल देना चाहते हैं, यह निंदनीय है।

ढाई लोगों का सिंडीकेट डिपार्चर लाऊंज में : प्रो. मनोज झा
राजद के राज्यसभा सांसद ने केंद्र सरकार के निर्णय की कड़ी आलोचना की। मनोज झा ने कहा कि जैसे सोवियत यूनियन में स्टालिन के दौर में अथॉरटेरियन सरकार थी उसी तरह मोदी सरकार देश में तानाशाही से भरी अथॉरटेरियन सरकार बना रही है। यह देश को खतरनाक मोड़ पर ले जाना चाहते हैं। मनोज झा ने कहा कि सत्ता पर ढाई लोगों का सिंडीकेट डिपार्चर लाऊंज में बैठा है। इसे लोगों की निजता में हनन के प्रयास से बाज आना चाहिए।
सर्विलांस स्टेट बनाने की मंशा : आनंद शर्मा
कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा में उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों के मोबाइल, इंटरनेट, कंप्यूटर, इनक्रिप्टेड सिस्टम की मॉनिटरिंग, टैपिंग (इंटरसैप्टिंग), डिक्रिप्शन (इनक्रिप्टेड यानी कोड में सुरक्षित किए डेटा को ओरिजिनल डेटा में कनवर्ट करने की प्रक्रिया को डिक्रिप्शन कहते हैं) करके देश को सर्विलांस स्टेट बनाने पर तुली है। सरकार तानाशाही भरे रवैये से काम कर रही है। इससे भविष्य में खुफिया, सुरक्षा और मॉनिटरिंग एजेंसियों के निरंकुश होने का खतरा पैदा हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों की अवहेलना है। संविधान में देश के आम नागरिकों को निजता का मूलभूत अधिकार दिया गया है। लेकिन सरकार अब इसमें दखल दे रही है। आनंद शर्मा ने कहा कि काफी समय से सरकार नेताओं, नौकरशाहों, न्यायाधीशों, उद्योगपतियों आदि के फोन टैप कर रही है। यह गलत है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity