कमलनाथ ने सीएम बनते ही,कहा बिहार और यूपी से आए लोगों के कारण MP वालों को नहीं मिलता रोजगार

मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में सीएम की शपथ लेते हैं कमलनाथ ने एक विवादित बयान दे दिया है उन्होंने कहा है कि बिहार और यूपी से आए हुए लोगों के कारण यहां रोजगार नहीं मिल पाता है इस विवादित बयान पर लोगों मे काफी गुस्सा है बिहार और यूपी के लोगों में काफी नाराजगी देखी जा रही है

कर्जमाफी चुनावों के दौरान मुद्दा बनी मगर कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जो बात सुर्खियां बटोर रही है वो है उद्योगों को दिए जाने वाले अनुदान को लेकर नई सरकार की नीति। सत्ता संभालने के साथ ही कमलनाथ ने घोषणा की कि सरकार की ओर से अनुदान केवल उन्हीं उद्योगों को दिया जाएगा जिनमें 70 फीसदी स्थानीय लोग कार्यरत होंगे।

मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद मीडिया से रू-ब-रू हुए कमलनाथ ने कहा कि सरकार की ओर से केवल उन्हीं उद्योगों को अनुदान दिया जाएगा जिनसे मध्यप्रदेश के स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तरप्रदेश के लोग रोजगार के लिए यहां आते हैं, जिस वजह स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता। कमलनाथ ने कहा कि हमने अनुदान को लेकर यह फैसला इसलिए लिया है ताकि स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। नवनियुक्त मुख्यमंत्री ने चार वस्त्र पार्क (गारमेंट पार्क) खोलने की भी घोषणा की।

कार्यभार संभालने के चंद घंटों में ही कमलनाथ ने राहुल गांधी के कर्जमाफी के एलान को पूरा किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के तौर पर पहली फाइल जिसपर मैंने दस्तखत किए वो किसानों के कर्जमाफी की है, जिसका वादा हमने अपने वचनपत्र में किया था। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के 10 दिनों में कर्जमाफी का वादा किया था।

कांग्रेस सरकार ने एक अध्यादेश जारी करके सरकारी और सहकारी बैंकों से 31 मार्च 2018 तक किसानों के 2 लाख तक के सभी कर्ज को माफ करने का आदेश जारी किया। कृषि विभाग के अधिकारियों ने कहा कि कम से कम 34 लाख किसानों को इसका फायदा होगा और सरकार पर 34 से 38 लाख करोड़ का बोझ पड़ेगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि जब बैंक बड़े उद्योगपतियों का 40 से 50 फीसदी कर्ज माफ कर देते हैं तो कोई कुछ नहीं कहता मगर जब किसानों के कर्ज माफ होते हैं तो सवाल उठते हैं। सरकार ने कन्यादान योजना के अंतर्गत मिलने वाली राशि को भी बढ़ाकर 28 हजार से 51 हजार कर दिया है।

आरएसएस की शाखाओं को सरकारी संस्थानों में प्रतिबंधित होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह आदेश केंद्र और गुजरात सरकार की तर्ज पर लिया गया है और इसमें कुछ भी नया नहीं है।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity