मुसलमान मज़लूम नौजवानों के साथ बढ़ाए ताल्लुक, मिल्लत टाइम्स के वेबिनार में मुस्लिम लीडरों का पैगाम

नई दिल्ली: मिल्लत टाइम्स ने 13 जनवरी को एक नेशनल वेबिनार रखा ٖथा। यह वेबिनार शाम 6 बजे रात 9 बजे तक चला। वेबिनार में मुल्क के मौजुदा हालतों के बारें में बात की गई।

इस वेबिनार का मकसद था कि मुल्क में मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना। आए दिन माब लिंचिंग, मुसलमानों को नामाज पढ़ने से रोकना, महिलाओं को बदनाम करने की कोशिश, मुसलमानों के नरंसहार, धर्म संसद ऐसे तमाम मसलों पर बात की गई।

इस वेबिनार में तमाम अहम तंजीमों के लोग जैसे AIMPLB से सैयद खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी, डॉ मंजूर आलम, प्रो. मोहम्मद सलीम इंजीनियर, मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सल्फी, अनीस अहमद, नवेद हामीद,  प्रो. अख्तरुल वासे, मौलाना अब्दुल्लाह खान आजमी शामिल थे। आइए जानें इन मामलों में किसने क्या कहा…

इस वेबिनार की शुरूआत  कनवेर है सैफुर रहमान ने की और इसके एंकर मिल्लत टाइम्स की चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी रहे।

 प्रो. अख्तरुल वासे

इस वेबिनार में प्रो. अख्तरुल वासे ने कहा कि पिछले सात सालों में सरकार ने हालात बद से बदतर कर दिए है। मुसलमानों के साथ अत्याचार बढ़ रहे है। 20 लाख मुसलमानों को खुलेआम मारने की धमकी दी जाती है। लेकिन सरकार चुप रहती है। धर्म संसद मामलों में कई बड़े लोगों ने आवाज उठाई है। सरकारी एजेंसी ने इन मामलों में कोई एक्शन नहीं लिया है।

डॉ मंजूर आलम

आल इंडिया मिल्ली काउंसिल के जनरल सेक्रेटरी मंजूर आलम ने कहा कि मुस्लिम लोगों को कानूनी संस्थाओं के साथ संबंध बनाकर कानूनी रूप से लड़ना चाहिए और मुस्लिम संगठनों को अपनी बैठकों में नकारात्मक के बजाय सकारात्मक मुद्दों पर चर्चा करनी चाहिए।

 प्रो. सलीम इंजीनियर

भारत के जमात-ए-इस्लामी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो. सलीम इंजीनियर ने कहा कि उनकी योजना को विफल करने के लिए हमें बहुत मजबूत होना होगा। हमें कानूनी कार्रवाई करनी होगी और हमें इस्लाम का मेसेज फैलना होगा। सरकार में जो लोग शामिल है वब सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों को ही पहुचा रहे है, यह पहले से ही होता आया है। सभी ने मुसलमानों को अपने वोट के लिए इस्तेमाल किया है। मुल्क के अंदर माहौल बिगड़ रहे है। सरकार को एक पोस्टकाड बनाना चाहिए जिसमें मुसलमानों से जुड़े मामलों को सुलझाया जाए। धर्म संसद में नफरती भाषणों वालों पर UAPA लगाकर कार्रवाई करनी चाहिए।

AIMPLB से सैयद खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य सदस्य मौलाना खलील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने कहा कि जिस तरह इंसान कभी स्वस्थ होता है तो कभी बीमार होता है, उसी तरह सरकार भी कभी उठती हैं और कभी गिरती हैं। देश की असली समस्या छोटी सोच वाले है, जो सभी वर्गों की पहचान मिटाना चाहता है।

मौलाना सज्जाद नोमानी ने आगे कहा कि आज के समय में हमें अपने राष्ट्र को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है कि यह होगा। सज्जाद नोमानी ने आगे कहा कि आज के दौर में हमें अपने धर्म और अपनी धार्मिक पहचान से समझौता न करने के लिए बधाई दी जानी चाहिए। हमें अपने राष्ट्र को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है ताकि वह एक तरफ बहादुर और दूसरी तरफ समझदार हो सके।

पूर्व सांसद मौलाना उबैदुल्ला खान आज़मी

वेबिनार में पूर्व सांसद मौलाना मौलाना उबैदुल्ला आज़मी ने कहा कि रोटी, कपड़ा, घर और रोजगार सभी हमारी समस्याएं हैं लेकिन अभी हमारा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि देश में शांति कैसे बनाई जाए। इस समस्या को हल करने के लिए सभी राष्ट्रीय नेतृत्व हमारे पास है।

सभी मोर्चों पर मजबूत योजना बनाएं और सड़कों पर उतरें। यह स्थिति कुछ सालों में नहीं आई है बल्कि एक लंबी कड़ी मेहनत के बाद कुछ सालों में इसने पूरे बहुमत को प्रभावित किया है। साथ ही एक पूर्ण सांप्रदायिक माहौल बन गया है जो देश और देश के लोगों के लिए बहुत हानिकारक होगा।

नेताओं को एक संदेश यह है कि स्थिति वास्तव में आपके साथ है, इसलिए आपको सभाओं और मुस्लिम भीड़ से बाहर आना होगा और संघ परिवार के लोगों की तरह अपने समाज में जमीनी काम करना होगा। उन्होंने मुस्लिम नेतृत्व से कहा कि अब आखिरी चुनौती है कि इसे दूर करने के लिए एक मजबूत संयुक्त योजना के साथ आने की जरूरत है।

हैदराबाद में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और एसएफ के माध्यम से आईपीएस अधिकारियों को दी गई सलाह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन सभी घटनाओं से पता चलता है कि सभी मामले फासीवादी ताकतों के हैं। सच्चाई सरकार के समर्थन से हो रही है और इसका उद्देश्य है देश को उस तरफ ले जाओ जो बार-बार घर वापसी के नारे के साथ व्यक्त किया गया है। उनके साथ दोस्ती मजबूत करें और उनके भीतर से नफरत को खत्म करने का प्रयास करें।

डॉ. आसमा ज़हरा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की महिला विंग की मुख्य आयोजक डॉ. आसमा ज़हरा ने कहा कि हमें यह महसूस करना चाहिए कि आज देश में हमारा सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा हमारा अस्तित्व और सुरक्षा है। ऐसा करने में खुश होने के बजाय, एक राष्ट्र के रूप में देश इसकी समस्याओं को समझना चाहिए और संयुक्त योजना और जमीनी हकीकत को बदलने की जरुरत है। वेबिनार में मिल्लत टाइम्स के यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर और अन्य सभी जगहों से लगभग 50,000 लोगों ने हिस्सा लिया, लेकिन आपको आगे आकर बोलना चाहिए।

बता दें इससे पहले वेबिनार के संयोजक सैफ-उर-रहमान ने कहा कि चूंकि देश में मुस्लिम विरोधी नफरत बढ़ रही है, यह दावा किया जा रहा है कि धर्म संसद आयोजित करके और भारत को म्यांमार बनाकर मुसलमानों का नरसंहार किया जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं को बंधक बनाया जा रहा है, गुड़गांव में मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोका जा रहा है। लोगों के मार्गदर्शक बनें।

मिल्लत टाइम्स के संपादक शम्स तबरीज़ कासमी ने निर्देशक के रूप में काम किया और भविष्य में भी इस तरह के विषय पर वेबिनार की एक श्रृंखला शुरू करने की घोषणा की। अंत में सैफ-उर-रहमान ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया

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