क्या है IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन का धर्म परिवर्तन कनेक्शन ? क्या सच में करवाते थे धर्म परिवर्तन !

नई दिल्ली (असरार अहमद ) जबरन धर्म परिवर्तन के मामले में UP ATS ने उमर गौतम और क़ाज़ी जहांगीर के बाद मौलाना कलीम सिद्दीक़ी को मुज़फ्फर नगर से गिरफ्तार किया लेकिन अब इन सब के बाद एक और मामले को इनसे जोड़ा जा रहा है सोमवार शाम को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ इस वीडियो में सफ़ेद कपडे पहने कुछ लोग इस्लाम धर्म के बारे में बात कर रहे हैं ,वीडियो में दिख रहे एक शख्स लोगों को बता रहे हैं कि कैसे इस्लाम की तब्लीग करनी है दुसरे लोगों तक इस्लाम की बातें कैसे पहुंचानी हैं। इस्लाम के बारे में लोगों को बता रहे सीनियर IAS अधिकारी हैं और इनका नाम है इफ्तिखारुद्दीन वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले पर तीखे रिएक्शन आने शुरू हो गए इस संम्बंध में यूपी के भूपेश अवस्थी ने 27 सितम्बर को ट्वीट करके मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपनी शिकायत भेजी। जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है कि कहाँ पर यह वीडियो रिकॉर्ड हुई थी मीडिया सूत्रों के हवाले से मालूम चला है कि यह विडिओ 2015 के आसपास की है , इफ्तिखारुद्दीन के कानपूर सरकारी आवास पर रिकॉर्ड किया गया है और वह उस टाइम कानपूर के मंडलायुक्त थे जब यह विडिओ उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के पहुंची तो उन्होंने ने कहा अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है अगर ऐसा है तो इसकी जाँच कराई जाएगी और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी अब इस मामले में 28 सितम्बर को एसआईटी के आदेश जारी कर दिए गए हैं एसआईटी सात दिन में अपना रिपोर्ट देगी .

आइए जानते हैं कौन हैं IAS अधिकारी इफ्तिखारुद्दीन
साल 2014 से 2016 के आखिर तक इफ्तिखारुद्दीन कानपूर में मंडलायुक्त बनकर रहे जब 2017 में उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ और योगी की सरकार आई तो उनका ट्रांफर हो गया अभी फिलहाल वह UPSRTC में चेयरमैन के पद पर हैं IAS इफ्तिख़ार अहमद सिवान जिले के रहने वाले है ,अब उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके ख़िलाफ़ धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देने का आरोप लगा जांच के लिए SIT इस बुनियाद पर गठित की है क्योंकि वह मुस्लिम समुदाय के लोगों के सामने तक़रीर कर चुके है बीए आनर्स कि पढ़ाई करने के बाद उन्होंने IAS कि परीक्षा पास की 1985 में उनका सिलेक्शन हुआ और उन्हें यूपी का काडर मिला उसके बाद से ही वह लगातार यूपी में बड़े और महत्पूर्ण पदों पर रहे इस पूरे मामले पर इफ्तिखारुद्दीन ने कहा है ऐसा करना गलत नहीं है उन्होंने कहा है कि मैंने ऐसा करके कोई अपराध नहीं किया है उनका कहना है कि ऐसा करना कानूनी रूप से गलत नहीं है और न ही सेवा शर्तों के खिलाफ है यूपी विधानसभा चुनाव से पहले इस वीडियो के खुलासे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले के बाद लोग सोशल मीडिया पर सवाल कर रहे हैं कि क्या अपने धर्म के बारे में लोगों को बताना कोई गलत है ? अपने धर्म का प्रचार प्रसार करना क्या कानूनी रू से गलत है ?अनुछेद 25 सबको अपने मज़हब पर चलने की आज़ादी देता है उसका प्रचार प्रसार करने की आज़ादी देता है लेकिन चुनाव से ठीक पहले फिर से हंगामा शुरू किया जा रहा है

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