नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के कुलगाम में संदिग्ध चरमपंथियों ने बीजेपी के नेता जावीद डार की गोली मरकार हत्या कर दी। यह घटना मंगलवार की है। डार पर हमलवारों ने उस समय गोली चलाई जब वह अपने घर के बाहर मौजूद थे। इस मामले में बीजेपी का कहना है की बीते दो सालों में कश्मीर की घाटी में बीजेपी के 23 नेताओं की हत्या की जा चुकी हैं। वहीं एक साल में सिर्फ कुलगाम जिले में ही 7 नेताओ और कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई है। बीजेपी के प्रवक्ता अल्ताफ़ ठाकुर ने डार की हत्या पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि चरमपंथी मासूम लोगों को निशाना बना रहे हैं। उनका कहना है कि डार कुलगाम ज़िले में एक चुनाव क्षेत्र के इंचार्ज थे। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने भी डार की हत्या मामले में कड़ी निंदा की है। इससे पहले 19 अगस्त 2019 को ब्रजोला इलाक़े में जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के नेता ग़ुलाम हसन लोन की चरमपंथियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बता दे केंद्र सरकार ने अगस्त 2019 में ही कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को ख़त्म कर दिया था और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था। जिसके बाद से बीजेपी के नेताओं को चारपंथी ने निशाना बनाना शुरू कर दिया। आइए जानें कब-कब हुआ बीजेपी के नेताओं पर हमला।
– 13 अगस्त 2021 में राजौरी जिले में बीजेपी के नेता के और जिला मंडल अध्यक्ष जसबीर सिंह के घर पर हमला किया गया था। इस हमले में बीजेपी के नेता समेत परिवार के 6 लोग घायल हो गए थे।
– 9 अगस्त 2021 को अनंतनाग में बीजेपी किसान मोर्चा के ज़िला अध्यक्ष और सरपंच ग़ुलाम रसूल डार और उनकी पत्नी जवाहिर की चरमपंथियों ने दिनदहाड़े घर में घुस कर हत्या कर दी थी। रसूल डार की पत्नी भी बीजेपी से जुड़ी हुईं थीं। पुलिस ने चरमपंथी संगठन लश्कर ए तैयबा इसका ज़िम्मेदार ठहराया था।
– 3 जून 2021 को बीजेपी पार्षद राकेश पंडित की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
– 29 मार्च 2021 को सोपोर कस्बें की नागरपलिका दफ्तर पर चरमपंथियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में दो पार्षद और एक पुलिसकार्मी की मौत हो गई थी। मारे गए दोनों पार्षद शम्सुद्दीन और रियाज़ अहमद का बीजेपी से संबध था।
– 1 अप्रैल 2021 को बीजेपी के कार्यकारिणी के सदस्य और कुपवाड़ा पार्टी के इंचार्ज अनवर खान पर हमला हुआ था। उस हमले में अनवर खान तो बच गए थे, लेकिन उनके सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस हमले के लिए चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को ज़िम्मेदार ठहराया था।
– पिछले साल अक्टूबर 2020 को बीजेपी के तीन कार्यकाता फ़िदा हुसैन याटू, उमर सिंह राशिद और उमर रमज़ान हजाम की एक चरमपंथी हमले में मौत हो गई थी। कुलगाम के वाईके इलाके में उनकी कार पर हमला किया गया था जिसमें तीनों की मौत हो गई थी।
– 6 अगस्त 2020 को कश्मीर के वेसु इलाके में चरमपंथियों ने सज्जाद खाण्डे की की गोली मारकार हत्या कर दी थी।
– अगस्त, 2020 में बड़गाम में बीजेपी कार्यकर्ता अब्दुल हामिद नज़र पर अज्ञात लोगों ने गोली चला दी। हामिद को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई।
– 22 जुलाई 2020 को कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले में संदिग्ध चरमपंथियों ने बीजेपी के पूर्व ज़िला अध्यक्ष शेख़ वसीम बारी, उनके पिता और भाई की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
हमला देर शाम उस वक़्त हुआ जब तीनों अपने घर के नज़दीक मौजूद अपनी दुकान में थे।
इस मामले में बीजेपी ने कहा हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं को आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले भी मारा गया था, लेकिन आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद बीजेपी के लोगों को कश्मीर में चरमपंथियों ने ज़्यादा निशाना बनाना शुरू किया है।