अल्लाह से माफी मांगने से पहले दूसरों को माफ करना सीखें : शाही इमाम पंजाब
लुधियाना, 10 अप्रैल (मेराज़ आलम ब्यूरो) : शबे बरात की पवित्र रात के अवसर पर एतिहासिक जामा मस्जिद लुधियाना में ऑनलाइन जलसे का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने की। इस अवसर पर जामा मस्जिद में सिर्फ 4 लोग ही उपस्थित थे, जिनमें बज्मे हबीब के अध्यक्ष मशहूर शायर गुलाम हसन कैसर नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी कारी मुहम्मद मोहतरम व शाही इमाम के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम का नाम शामिल है।
ऑनलाइन प्रोग्राम में एक लाख से ज्यादा श्रोता फेसबुक पर शाही इमाम पंजाब की पेज पर जुड़े जिन्होंने देर रात तक कुरान शरीफ की तिलावत और नाते रसूले पाक सुनी, इस बा बरकत रात को लेकर की गई विशेष दुआ में उपस्थित रहे। इस अवसर पर शाही पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि अल्लाह से माफी मांगने से पहले जरूरी है कि बंदा दूसरों को माफ करना सीखें। उन्होंने कहा कि जो दूसरों को माफ करता है उसकी तरफ से मांगी गई माफ़ी खुदा के दरबार में कबूल होती है।
शाही इमाम ने कहा कि आज शबे बरात की रात पर हम सबको कोरोना वायरस की मुक्ति के लिए विशेष दुआएं करनी चाहिए और अल्लाह से यह मांगे की दुनिया पहले की तरह खुशहाल हरी-भरी नजर आने लगे। उन्होंने ने कहा कि इस मुसीबत की घड़ी में जो लोग समाज में नफरत का जहर घोलना चाहते हैं उनकी साजिशों को प्यार आपसी भाईचारे और एकता के साथ नाकाम बनाया जाएगा।
ऑनलाइन जलसे को संबोधित करते हुए नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान रहमानी लुधियानवी ने कहा कि इबादत से पहले अपने पड़ोसी और घरवालों के साथ इंसान का व्यवहार नेकी वाला होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि दूसरों को तकलीफ़ देने वाले खुदा की इबादत करके कभी कामयाब नहीं हो सकते। नायब शाही इमाम ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हजऱत मुहम्मद सल्ल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दुनिया को जो शिक्षा दी है उसमें प्यार और एकता की ऐसी ताकत है जिसे संप्रदायिक ताकते तोड़ नहीं सकतीं। उस्मान ने कहा कि इस्लमं धर्म शांति का सन्देश देता है और आगे भी देता रहेगा।