शाहीन बाग से सवाल, विदेश में सी.ए.ए जैसे कानून बने तो जिम्मेवार कौन होगा?

इंसनियत के आधार पर काले कानून का विरोध जरूरी : प्रो. गुरदियाल सिंह

लुधियाना 17 मार्च (मेराज़ आलम ब्यूरो) : शहर की दाना मंडी में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ चल रहे शाहीन बाग़ रोष प्रदर्शन आज 35वें दिन शक्ति नगर, टिब्बा रोड से प्रधान हाजी नौशाद आलम, हाजी मुहम्मद इस्लाम, मुहम्मद इसरार, हाजी मुहम्मद इरशाद, कमरूदीन, मुहम्मद रिजवान, हाजी तहसीन, हाजी मुहम्मद इरशाद, मुहम्मद इरफान, कारी मुहम्मद मुस्तकीम, मुहम्मद परवेज़ की अध्यक्षता में बड़ी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए इनायत चैरीटेबल सोसाइटी के चेयरमैन प्रोफेसर गुरदियाल सिंह सहोता ने कहा कि मोदी जी ने नागरिकता कानून में धर्म आधारित कानून बनाकर बाबा साहिब डा. भीम राव अंबेडकर द्वारा बनाए संविधान की उलंघना की है। उन्होंने कहा कि इंसानियत के आधार पर सी.ए.ए का विरोध जरूरी है क्योंकि भारत को विश्व भर के लोग प्रेरणा का स्रोत समझते हैं,

आज अगर हमारी सरकार धर्म को आधार बनाकर बाहर से आने वालों को नागरिकता देगी तो विदेश में भी अगर सरकारों ने सी.ए.ए जैसा कानून बना दिया तो लाखों एन.आर.आई. वहां की सरकारों को क्या तर्क देंगे। उन्होंने कहा कि सी.ए.ए को किसी भी तरह सही नहीं ठहराया जा सकता, नागरिकता शरणार्थियों का अधिकार है जिसे देना चाहिए, लेकिन धर्म को आधार बनाना उचित नहीं है। प्रोफेसर गुरदियाल सिंह ने कहा कि हमें शर्म आ रही है कि पहली बार भारत की केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए किसी कानून के खिलाफ विदेशी सदनों में निंदा के प्रस्ताव पारित हो रहे हैं। नायब शाही इमाम मौलाना मुहम्मद उस्मान लुधियानवी ने कहा की शाहीन बाग आंदोलन ने जहां केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज उठाई है वहीं देशभर में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, दलित समुदाय में आपसी भाईचार बढ़ाया है। इस अवसर पर शाही इमाम के मुख्य सचिव मुहम्मद मुस्तकीम अहरार, गुलाम हसन कैसर, सलमान रहबर, हाफिज़़ ज़ाकिर, आबिद अंसारी, डाक्टर अब्दुर रहमान ने संबोधित किया।

SHARE
is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity