इस्लामी नव वर्ष शुरू,हजरत उमर की शहादत को किया याद 10 सितंबर को मनाया जाएगा यौम-ए-आशूरा:शाही इमाम

लुधियाना, 1 सितंबर: मुहर्रम का चांद नजर आते ही इस्लामी नव वर्ष 1441 के आरंभ के मौके पर आज यहां लुधियाना जामा मस्जिद में विशेष दुआ करवाई गई और इस मौके पर इस्लाम धर्म के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक रजी अल्लाह को भी याद किया गया। वर्णनयोग है कि एक मुहर्रम के दिन ही हजरत उमर फारूक शहीद हुए थे। इस अवसर पर शाही इमाम पंजाब मौलाना हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी ने कहा कि हमारी दुआ है कि इस्लामी नव वर्ष दुनिया भर के लोगों के लिए शांति व अमन भाईचारे वाला रहे।

शाही इमाम मौलाना हबीब ने मुसलमानों के दूसरे खलीफा हजरत उमर फारूक रजी अल्लाह की जीवनी पर रोशनी डालते हुए कहा कि विश्व भर में आज भी उमर-ए-फारूक का इंसाफ अपनी मिसाल आप है। उन्होनें कहा कि फारूकी दौर में ही दुनिया भर के इंसानों के लिए बड़े-बड़े फैसले किए गए, जिससे इंसानियत का सिर बुलंद हुआ।

शाही इमाम ने कहा कि हजरत उमर फारूक की जीवनी हम सब के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। फारूकी दौर दुनिया में आज भी सुनहरे शब्दों के साथ याद किया जाता है। शाही इमाम ने बताया कि मुहर्रम का चांद नजर आते ही इस्लामी नव वर्ष का आगाज हो गया है और आने वाली 10 तारीख को यौम-ए-आशूरा का दिन मनाया जाएगा। उन्होने बताया कि आशूरा का दिन यहां इस्लाम धर्म में बहुत बड़ी विशेषता रखता है वहीं इसी दिन प्यारे नबी हजरत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहीवसल्लम के नवासे हजरत इमाम हुसैन रजीअल्लाह अनहु ने मैदान-ए-करबला में सच्चाई का परचम बुलंद करते हुए शहादत का जाम पीया था।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity