मानवाधिकार संगठन NCHRO ने हिरासत में मारे गए मोहम्मद रमज़ान के परिवार से मुलाकात की

कोटा,1 मई 2019:मनावाधिकार संगठन नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआर ओ) ने आज न्यायिक हिरासत के दौरान हुई मोहम्मद रमज़ान की संदिग्ध मौत के मामले में मृतक के परिवार वालो से मुलाकात की। संगठन के महासचिव मोहम्मद हनीफ़ ने बताया कि प्रदेशाध्यक्ष टी सी राहुल के निर्देश पर संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मृतक के घर वालो से बारां जिले के मांगरोल कस्बे में मुलाकात की।संगठन के सदस्य अभिषेक सिंह ने बताया कि बारां जिले के माँगरोल कस्बे के निवासी मोहम्मद रमजान की पुलिस पिटाई से कोटा जिला अस्पताल में मौत हो गई थी। मृतक रमज़ान पर 1987 का एक मुकदमा कोर्ट मे धारा 307 का चल रहा था। हाईकोर्ट से नो माह पहले दो वर्ष की सज़ा हुई थी ।मृतक 9 माह से बारां राजस्थान के कारागार मे सज़ा काट रहा था लेकिन इसी दौरान जेल मे ही तबीयत खराब हुई जिसका लगातार इलाज़ चल रहा था और मृतक का परिवार कई माह से हॉस्पिटल और जेल के चक्कर काट रहा था । संगठन के राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य एड्वोकेट अन्सार इन्दौरी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मृतक की जमानत की लिये पिछले साल दिसम्बर में सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई थी।जिसकी निगरानी मृतक के बेटे मोहम्मद रिज़वान की लिखित गुज़ारिश उन्होंने ही की थी। मृतक का बेटा रिज़वान जमानत के लिए लगातार संगठन के सम्पर्क में था।

मृतक के बेटे मोहम्मद रिज़वान ने बताया कि बीच में मेरे पिता को एक बार पैरोल भी हुई थी। इसके बाद जिला कलेक्टर के माध्यम से उनकी सज़ा माफी की फ़ाइल प्रशासन और राज्यपाल तक पहुंचायी जा चुकी थी।कुछ दिनों पहले मेरे पिता की जब तबीयत खराब हुई तो जेल प्रशासन के द्वारा उनको कोटा के मेडिकल कॉलेज के कैदी वॉर्ड मे भर्ती करवाया गया था। परिजनो को जब इसकी सूचना मिली तो मैं, मेरी माँ और और मेरा भाई उनसे मिलने के लिए कोटा पहुंचे लेकिन वहां ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों के द्वारा हमारे साथ बदसलूकी की गयी और हमको पिताजी से मिलने नहीं दिया गया।मिलने की एवज में पुलिस कर्मियों के द्वारा रिश्वत के 500 रुपये की मांग हुई। जब हमने देने से मना कर दिया तो इसी बात को लेकर हमारी वहां तैनात पुलिस कर्मियों के साथ कहा सुनी हुई और हमने इसकी शिकायत कोटा के कुछ साथियो और अस्पताल प्रशासन से की जिसके कारण रात मे उन कर्मियों के द्वारा नशे में मेरे पिता रमजान के साथ बुरी तरह मारपीट की गई और उन्हे जंजीर से बांधकर उल्टा कर पाइप से बुरी तरह मारा गया जिसके कारण उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ गयी जिस पर अगले ही दिन उन्हे जयपुर एसएमएस रैफर कर दिया गया।

जयपुर में जब तबीयत मे सुधार हुआ तो पूरी घटना का ब्योरा उन्होंने घर वालो और मीडिया के लोगों को दिया। टीम की सदस्य एड्वोकेट शबीना अंजुम ने बताया कि मरने से पहले रमज़ान ने एक विडियो क्लिप में बताया था कि पुलिस कर्मियों ने उसे धमकी दी हे कि वो इसके बारे मे किसी को ना बताए।मृतक को टोपी, दाढ़ी और धर्म को लेकर अपशब्द कहे गए।दो दिन बाद ही बिना परिवार वालों को बताए पुलिस वालों ने मृतक को डिस्चार्ज करवा लिया । जयपुर से गुपचुप तरीके से रमज़ान को कोटा ले आए । तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर वापस कोटा मेडिकल हॉस्पिटल में भर्ती करवाया जहां 26 अप्रैल की रात को रमज़ान की मौत हो गईं।

संगठन के महासचिव मोहम्मद हनीफ़ ने पत्रकार सम्मेलन में बताया की संगठन की मांग है की है कि इस मामले में पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाये। जिन पुलिस कर्मियों पर मारपीट का आरोप है उनके खिलाफ् हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। और परिवार के व्यक्ति को सरकारी नोकरी दी जाय।उन्होंने बताया कि मोहम्मद रमज़ान नफरत की राजनीति के शिकार हुए है।आरोपित पुलिस कर्मियों ने उन पर धर्म के आधार पर शाररिक हमला किया और अपशब्द कहे।उन्होंने कहा कि आज राजकीय कर्मचारी भी साम्प्रदायिकता की मानसिकता के चलते कानून हाथ में लेने से नहीं डरते। टीम के सदस्य नवेद अख्तर ने कहा कि राजस्थान पुलिस इस मामले को बिमारी से हुई मौत बता रही है।जबकि हकीकत ये है कि बिमारी की दौरान जो रमज़ान पर शाररिक हमला हुआ उसके कारण मृतक की तबियत ज्यादा खराब हुई और उनकी मौत हो गई।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity