हर साल की तरह इस साल भी देश ने धूमधाम से 70वां गणतंत्र दिवस मनाया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजपथ पर ध्वजारोहण किया. लांस नायक नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से नवाजा गया.
मिल्लत टाइम्स,नई दिल्ली:देश ने आज 70वां गणतंत्र दिवस धूमधाम के साथ मनाया. शनिवार को आसमान ही नहीं राजपथ पर हिंदुस्तान की जमीनी ताकत भी दिखी. देश के लिए मर मिटने वाले जांबाजों ने कदमताल की तो लोगों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. राजपथ पर परेड की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के तिरंगा फहराने के साथ हुई. राजपथ पर तिरंगा फहराने के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गणतंत्र दिवस के साथ मुख्य अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा मौजूद रहे.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमर जवान ज्योति पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान शोपियां मुठभेड़ में शहीद होने वाले लांस नायक नजीर वानी को राष्ट्रपति कोविंद ने अशोक चक्र से सम्मानित किया. वानी की पत्नी महजबीं ने पति का सम्मान लिया. 70वें गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर एक बार फिर दुनिया ने न्यू इंडिया का शक्ति प्रदर्शन देखा. जब राजपथ के ऊपर से ध्रुव और रूद्र हेलिकॉप्टर ने उड़ा भरी तो लोग एकटक आसमान की ओर देखते रहे.
देश के जांबाजों का मार्चपास्ट
स्वदेशी आकाश मिसाइल ने बताया कि देश का आकाश महफूज है. ये मिसाइल प्रणाली विमान को 30 किमी दूर व 18,000 मीटर ऊंचाई तक टारगेट कर सकती है. राजपथ पर टी-90 टैंक आने पर तालियों से स्वागत हुआ. ये टैंक दिन और रात में समान रूप से 5 किलोमीटर दायरे में वार करने की क्षमता रखता है. इसे भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया जाता. फिर बारी आई देश से जाबांजों के मार्चपास्ट की. गोरखा रेजिमेंट का अंदाज ही कुछ और था. सबसे पुरानी रेजिमेंट ने जांबाजी की मिसाल कायम की है.
बैंड की धुनों से सराबोर हुआ राजपथ
नौसेना ब्रास बैंड ने जय भारती की जोशीली धुन के साथ राजपथ पर समां बांधा. वायु सेना का बैंड स्ट्रोनॉट की धुन के साथ उतरा. कोस्ट गार्ड का दस्ता वयम रक्षाम के मंत्र के साथ मार्च पास्ट के लिए उतरा. समंदर के ये सिपाही जीवन रक्षक के काम में होते हैं. सीआरपीएफ का बैंड – देश के हम हैं रक्षक के स्लोगन के साथ राजपथ पर उतरा. गोलियों के बीच सबसे आगे रहने वाली सीआरपीएफ देश का सबसे पुराना अर्ध सैनिक दस्ता है.
दिल्ली पुलिस के मार्चिंग दस्ते ने दी जोश भरी सलामी
दिल्ली पुलिस 1950 से लगातार राजपथ पर मार्च करती रही है. दिल्ली पुलिस को 14 बार बेस्ट मार्चिंग दस्ते से नवाजा गया है. बीएसएफ का ऊंट सवार दस्ता के आते ही लोगों जमकर कर तालियां बजाई. इस दस्ते के सभी जवानों की लंबाई 6 फीट से ज्यादा होती है. मूछों की स्टाइल भी एक जैसी रहती है. इनका मंत्र है जीवन पर्यंत कर्तव्य. ये रेगिस्तान इलाके में सुरक्षा के साथ तस्करी पर भी लगाम लगाते हैं.
असम राइफल्स के महिला दस्ते ने रचा इतिहास
महिलाओं के शौर्य का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला जहां नौसेना और सेना के कई दस्तों की अगुवाई उन्होंने की और एक महिला अधिकारी ने बाइक पर हैरतअंगेज करतब दिखाए. पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होकर असम राइफल्स के महिला दस्ते ने इस साल इतिहास रचा.
राजपथ में निकाली गई 22 झांकियां
राजपथ पर निकाली गई 22 झांकियों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की झलक देखने को मिली. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इस बार राजपथ पर निकाली गई 22 झांकियों में बापू के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को दिखाया गया. इनमें राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की 16 झांकियां थी जबकि विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों और विभागों- कृषि, ऊर्जा, पेयजल और स्वच्छता, भारतीय रेलवे, सीआईएसएफ और सीपीडब्ल्यूडी की छह झांकियां थी.
14 किलोमीटर की दूरी तय करती है परेड
एनसीसी के बैंड में सैनिक स्कूल के साथ-साथ सिधिंया स्कूल ग्वालियर के बच्चे भी शामिल थे. बिड़ला बालिका पीठ, पिलानी का बैंड भी शामिल था. इस बैंड ने राजपथ पर सारे जहां की धुन बिखेरा. आजाद हिंद फौज के जवान भी परेड में शामिल हुए. सुभाष चंद्र बोस की सेना के सिपाही पहली बार राजपथ पर उतरे. दुनिया ने आज हिंदुस्तान के आन, बान और शान को देखा. गणतंत्र दिवस पर राजपथ से गुजरता ये परेड 14 किलोमीटर की दूरी तय कर लालकिले तक जाता है और पूरे 14 किलोमीटर तक वहीं जो, वहीं जज्बा दिखता है.(इनपुट आजतक)