नई दिल्ली : (रुखसार अहमद) ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर जर्मनी ने कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वह भारत पर नजर बनाए हुए है।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पत्रकारों का उनकी पत्रकारिता के लिए उत्पीड़न नहीं होना चाहिए और ना ही इसके लिए उन्हें जेल में डाला जाना चाहिए। हम पत्रकार मोहम्मद जुबैर के मामले से वाकिफ हैं।
हम निश्चित रूप से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पूरी दुनिया में प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है और यह भारत पर भी लागू होता है। स्वतंत्र रिपोर्टिंग किसी भी समाज के लिए फायदेमंद है और प्रतिबंध चिंता का कारण हैं। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारों को उनके कहने और लिखने के लिए सताया और कैद नहीं किया जाना चाहिए।
हम इस मामले को लेकर अवगत हैं और नई दिल्ली में हमारा दूतावास इसपर कड़ी नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया कि वे इस मामले पर यूरोपियन यूनियन के भागीदार के साथ भी संपर्क में है। ईयू ने भारत से मानव अधिकार पर चर्चा की है। ईयू की भारत से चर्चाओं का मुख्य केंद्र अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता है।
दरअसल, जर्मनी के विदेश मंत्रालय की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी का जिक्र एक प्रत्रकार ने किया। फिर इस सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिश्चियन वैगनर ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के नाते भारत से उम्मीद की जाती है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी और प्रेस की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करे।
उधर, सुप्रीम कोर्ट मोहम्मद जुबैर की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया है। जुबैर ने सुप्रीम कोर्ट में इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उन्होंने एक ट्वीट के लिए दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने से इनकार कर दिया था।
जुबैर पर इस ट्वीट के जरिए कथित रूप से हिंदू संतों के खिलाफ ‘घृणा फैलाने’ का आरोप लगाया है। मोहम्मद ज़ुबैर को हिंदू संतों के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने और धार्मिक भावना भड़काने के मामले में सोमवार को सीतापुर की एक अदालत में पेश किया गया था।
MINI THREAD
German foreign ministry on India's ongoing detention of journalist Mohammed Zubair"India describes itself as the world’s largest democracy. So one can expect democratic values like freedom of expression and of the press to be given the necessary space there"
/1 pic.twitter.com/g26gSSKEO7— Richard Walker (@rbsw) July 6, 2022
सोमवार की दोपहर दिल्ली पुलिस ने सीतापुर के एक न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में मोहम्मद जुबैर को पेश किया था जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दिल्ली पुलिस बाद में जुबैर को वापस दिल्ली ले गई।
बता दें कि मोहम्मद ज़ुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है।