नई दिल्ली:(अजहर ईमाम) सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा, जिनकी पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणियों ने खाड़ी देशों में भारी गुस्सा पैदा किया और देश में विरोध प्रदर्शन को जन्म दिया, उसको “पूरे देश” से माफी मांगनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि देश में जो हो रहा है उसके लिए वे अकेले ही जिम्मेवार हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा, “हमने इस पर बहस देखी कि उसे कैसे उकसाया गया। लेकिन जिस तरह से उसने यह सब कहा और बाद में कहा कि वह एक वकील हैं, यह शर्मनाक है। उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।”
जस्टिस जे.बी. पारदीवाला ने कहा कि ने कहा कि उदयपुर की घटना के लिए भी नूपुर शर्मा का बयान ही जिम्मेदार है।वहीं सुप्रीम कोर्ट का बयान आने के बाद ट्विटर पर #ब्लैकडेफ़ॉइंडियनजुडिशरी और #सुप्रीमकोर्टइजकंप्रोमाइज ट्रेंड करने लगे। इसमें लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाए दी।
लोगों ने लिखा “लगता है कि तथाकथित हिंदू राष्ट्र में एक और काला दिन। हिंदू राष्ट्र में सुरक्षा न मिलने पर हिंदुओं को चाकू से मार दिया जाता है। हिंदू राष्ट्र में देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ईशनिंदा का समर्थन किया जाता है। ईशनिंदा पर बोलने के लिए सऊदी अरब हमारे जजों को इम्पोर्ट क्यों नहीं करता?”
डच सांसद गिर्ट विल्डर्स ने कहा “यह बहुत हास्यास्पद है कि अरब और इस्लामिक देश भारतीय नेता नुपूर शर्मा के पैगंबर के बारे में सच बताने पर भड़के हुए हैं।” उन्होंने आगे कहा “मुझे लगा कि भारत में शरिया अदालतें नहीं हैं।
मुहम्मद के बारे में सच बोलने के लिए उन्हें कभी माफी नहीं मांगनी चाहिए। वह उदयपुर के लिए जिम्मेदार नहीं है। कट्टरपंथी जिहादी मुसलमान जिम्मेदार हैं और कोई नहीं। नुपुर शर्मा एक हीरो हैं”
I thought India had no sharia courts.
She should never apologize for speaking the truth about #Muhammad. She is not responsible for Udaipur. Radical intolerant jihadi Muslims are responsible and nobody else.
NupurSharma is a hero. #NupurSharma #IsupportNupurSharma
— Geert Wilders (@geertwilderspvv) July 1, 2022
आगे दूसरे युजरों ने लिखा “सिर काटने और न्यायाधीशों की ऐसी टिप्पणियों के साथ भारत शरिया राज्य के आधे रास्ते पर है। आइए कन्हैया लाल, रिंकू शर्मा, किशन भारवाड़, कमलेश तिवारी आदि के हत्यारों को निशान-ए-पाकिस्तान पुरस्कार दें। साथ ही जुबैर, राणा, आरफा-जरफा को भी, जिन्होंने उन्हें सक्षम बनाया।
“उसे धमकियों का सामना करना पड़ रहा है या वह सुरक्षा के लिए खतरा बन गई है?” इस तरह सुप्रीम कोर्ट के जजों ने सिर पर इनाम रखने वाली महिला का मजाक उड़ाया। भारत का सर्वोच्च न्यायालय ‘वाजिब उल कत्ल’ में विश्वास करता है”।
एक और युजर ने लिखा “एससी है या शरिया कोर्ट”?
दूसरे युजर ने कानून मंत्री “किरेन रिजिजू” को टैग करके पुछा “सरकार को पिछले 5 वर्षों में न्यायाधीशों के खिलाफ 1631 भ्रष्टाचार के मुकदमे मिले, न्यायाधीशों के खिलाफ भ्रष्टाचार की इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है?
Govt received 1631 graft plaints against judges in last 5 years: @KirenRijiju
Why no action is being taken on these Corruption complaints against Judges ?@narendramodi https://t.co/8tIC8yFzak
सुप्रीम कोर्ट Justice Kant #SupremeCourtIsCompromised— CA RAJEEV GUPTA (@RajeevGuptaCA) July 1, 2022