जानें, बजट में क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा, आम जनता को किन चीजों के लिए चुकानी पड़ेगी अधिक कीमत….

नई दिल्ली : आम आदमी को बजट में सबसे ज्यादा दिलचस्पी इसमें रहती है कि क्या हुआ महंगा और क्या सस्ता। उसे टैक्स और बाकी बारीकियों से कोई लेनादेना नहीं होता। उसके लिए सबसे अहम है रोजमर्रा इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमतों से।

हालांकि इस बजट में आयकर दरों या स्‍लैब में बदलाव की उम्‍मीद लगाए टैक्‍सपेयर्स को निराशा हाथ लगी है। आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गम है। तो चलिए ये जान लेते हैं कि आम आदमी की जेब पर किस चीज का बोझ बढ़ने जा रहा है और किससे उसे राहत मिलेगी…

रत्न-आभूषण होंगे सस्ते

रत्न और आभूषण के शौकीन लोगों और इससे जुड़े उद्योग को इस बजट से थोड़ी राहत मिली है। सरकार ने कट और पॉलिश डायमंड के साथ रत्नों पर कस्टम ड्यूटी को 5% कर दिया है। सिंपली सोन्ड डायमंड पर अब कोई कस्टम ड्यूटी नहीं लगेगी।

आर्टिफिशियल गहने होंगे महंगे

सरकार ने बजट में अंडरवैल्यू आर्टफिशियल गहनों के आयात को निरुत्साहित करने के लिए इस पर इंपोर्ट ड्यूटी अब 400 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है। ऐसे में आने वाले वक्त में ये गहने महंगे हो सकते हैं।

सस्ते होंगे फोन के चार्जर

बजट में वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन चार्जर, मोबाइल फोन कैमरा लेंस, ट्रांसफॉर्मर इत्यादि के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए इन पर ड्यूटी कंसेशन देने की घोषणा की है।

छतरियां होंगे महंगी

आपके लिए बारिश में बचना महंगा हो सकता है। क्योंकि सरकार ने बजट में टैक्स को बढ़ा दिया है। छतरियों पर कर को बढ़ाकर 20% कर दिया है। साथ ही छाता बनाने में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर मिलने वाली टैक्स छूट को खत्म कर दिया है।

सहकारी संस्थाओं पर भी अब कॉरपोरेट टैक्स की तरह 15 फीसदी टैक्स लगेगा। सरकार ने राज्य कर्मियों को NPS में योगदान 14 फीसदी करने की छूट दी है।

वहीं बाते करे चिकित्सा की तो एआईएमईडी के अनुसार क्षेत्र के लिए इस बजट में पिछले साल के आश्वासन को दोहराने के अलावा कुछ भी नया नहीं है।

एआईएमईडी फोरम के समन्वयक राजीव नाथ ने कहा, हम उम्मीद कर रहे थे कि सरकार चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए किये गए सुधारों और प्रत्याशित अनुकूल उपायों के वादे पर आगे बढ़ेगी, लेकिन बजट से हमें निराशा हाथ लगी है।

उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक है कि हमारी उम्मीदों के विपरीत, सरकार ने भारत पर 80-85 प्रतिशत आयात निर्भरता और 46,000 करोड़ रुपये से अधिक के बढ़ते आयात बिल को समाप्त करने में मदद करने के लिए कोई उपाय शामिल नहीं किया है। बजट में यह निराशा तब है जब पूरा देश कोरोना संकट से जूझ रहा है।

बजट में शिक्षा के लिए भारत सरकार ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्व स्तरीय डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करेगी। दरअसल बीते 2 सालों के दौरान कोरोना महामारी के कारण छात्रों एवं शैक्षणिक जगत को सबसे अधिक नुकसान झेलना पड़ा है। जहां एक और स्कूल कॉलेज बंद रहे वहीं ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं थे।

अब केंद्र सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा को सु²ढ़ता प्रदान करने के लिए बाकायदा एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने का बजट प्रावधान किया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने की बात कही। उन्होंने बताया यह डिजिटल विश्वविद्यालय देशभर के सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा। यह एक बहुभाषी विश्वविद्यालय होगा जिसका लाभ भारत के सभी क्षेत्रों में रहने वाले छात्र ले सकेंगे।

वित्त मंत्री के मुताबिक भारत का यह डिजिटल विश्वविद्यालय उच्चतम एवं बेहतरीन टेक्नोलॉजी से युक्त होगा। वित्त मंत्री ने बताया कि डिजिटल विश्वविद्यालय से देश के कई विख्यात विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाएगा।

 

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