तुर्की ने रचा इतिहास,609 साल पुरानी मस्जिद को पहियों पर लाद कर दूसरी जगह किया शिफ्ट

अंकारा. तुर्की (Turkey) में 609 साल पुरानी एक मस्जिद (Mosque) को डैम के पानी में डूबने से बचाने के लिए पांच किलोमीटर शिफ्ट किया गया है. करीब 1700 टन वजन की इर रिज्क मस्जिद (Er-Rizk Mosque) को हसनकैफ शहर से तिगरिस इलाके में शिफ्ट किया गया. दरअसल हसनकैफ में इलिसु बांध बनाया जा रहा है, जिसके का लरण यह पूरा क्षेत्र पानी में डूब जाएगा. इस मस्जिद का निर्माण 1409 में एबु मेफाहिर ने किया था.

हसनकैफ की इस सबसे बड़ी मस्जिद को राज्य हाइड्रोलिक वर्क्स और सांस्कृतिक संपदा एवं संग्रहालय के जनरल डायरेक्टरेट की देखरेख में इसे टिग्रिस नदी के किनारे ले जाया गया. इस मस्जिद को कई टुकड़ों में एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया गया और तिगरिस इलाके में इसे एक बार फिर जोड़ा गया. बताया जा रहा है कि इलिसु बांध बनाए जाने की वजह से 12 हजार साल पुराना शहर पानी में डूब जाएगा. इलिसु बांध बनाए जाने के बाद से 80 हजार से अधिक लोग अपना घर छोड़ चुके हैं.

दक्षिणी तुर्की में टिग्रिस नदी के तट पर बसा यह शहर मेसोपोटामिया की सबसे पुरानी बस्तियों में एक है. इलिसु बांध के जरिए बिजली उत्पादन किया जाएगा. ये बांध तुर्की का चौथा सबसे बड़ा बांध होगा. बताया जाता है कि इस बांध को बनाने को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा था. बांध के चलते खतरे में पड़ चुके इस प्राचीन शहर को बचाने के लिए काफी विरोध हो रहा था. इसी विरोध को देखते हुए अब बांध बन जाने के बाद इस मस्जिद के अलावा शहर की अन्य ऐतिहासिक धरोहरों को भी शहर से बाहर किसी सुरक्षित जगह पर ले जाने की तैयारी चल रही है. बताया जा रहा है कि आर्तुकुलु हमाम (स्नानघर), सुल्तान सुलेमान कोक मस्जिद, इमाम अब्दुल्ला जावियाह, जेनेल अबिदीन मौसोलुम और अयूबी मस्जिद को भी दूसरी जगह पर शिफ्ट किए जाने की तैयारी तेज कर दी गई है.

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity