सीकर के राजनीतिक महरिया परिवार ने गैर राजनीतिक तरीके से ग्यारह हजार से अधिक छायादार व फलदार पोधे लगाये।

अशफाक कायमखानी। जयपुर।
हालाकि आम मान्यता है कि राजनेताओ द्वारा किये जाने वाले हर पब्लिक काम मे किसी ना किसी रुप मे राजनीति का तड़का लगना हर हाल मे माना जाता रहा है। लेकिन सीकर मे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया व पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया जैसे दिग्गज राजनेताओं द्वारा अपने वालदेन (माता-पिता) की पूण्यतिथि पर 28 व 29 जुलाई को सीकर के स्मृति वन के अलावा जिले की स्कूल, शमशान भूमि व कब्रिस्तान के साथ साथ सार्वजनिक जगह पर बीना किसी राजनीतिक तड़का लगाये केवल मात्र खिदमत-ऐ-खल्क की भावना से ओतप्रोत होकर ग्यारह हजार से अधिक विभिन्न तरह के पोधे लगा कर उनकी सालो तक पूरी सम्भाल करके उनको पेड़ के रुप मे विकसित करने का निश्चय दोहरा कर समाज मे प्रर्यावरण को शुद्ध बनाये रखने के लिये एक बदलाव की बयार बहा दी है।

महरिया परिवार के सुधीर महरिया स्मृति संस्थान नामक सामाजिक संस्था के बेनर तले 28-जुलाई को सीकर शहर स्थित स्मृति वन मे हजारों वन व प्रर्यावरण प्रेमियों की मोजूदगी मे पहले वन एवं प्रर्यावरण के महत्व पर एक गोष्ठी आयोजन हुवा एवं उसमे वन व प्रर्यावरण प्रेमियो को सम्मानित भी किया गया। उसके बाद वही स्मृति वन मे चार हजार पोधे लगाकर ब्रज-शांति वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत करके अगले दिन तक जिले भर मे ग्यारह हजार से अधिक पेड़ लगाकर पेड़ ही जीवन होने का संदेश दिया। उक्त कार्यक्रम मे पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया व पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया व उनके परिवारजन आम आदमी की तरह वृक्षारोपण करते नजर आये। इसके अतिरिक्त स्मृति वन मे लगे छायादार व फलदार पोधो की ठीक से सम्भाल करने के लिये सभी पेड़ों तक पानी पहुंचने के लिये पुरे क्षेत्र मे डरीप सिस्टम लगाने के अलावा उनकी देखभाल के लिये अपने स्तर पर आदमियों का इंतजाम भी किया गया है।

सुधीर महरिया स्मृति संस्थान की तरफ से लगने वाले करीब बाईस तरह के सभी छायादार व फलदार पोधो की खरीद संस्था के अपने स्तर पर करने के साथ साथ सभी पोधो की लम्बाई चार से छ फूट होने के कारण पोधो के लगने की सम्भावना वन प्रेमी अधिक बता रहे है।

कुल मिलाकर यह है कि अक्सर देखा गया है कि राजनेताओं द्वारा आयोजित किसी भी तरह के कार्यक्रम मे किसी ना किसी रुप मे किसी ना किसी स्तर पर राजनीति का तड़का लगे बीना रह नही सकता है। लेकिन सीकर के दिग्गज राजनीतिक महरिया परिवार द्वारा 28 व 29 जुलाई को सीकर जिले मे सुधीर महरिया स्मृति संस्थान के बेनर तले ब्रज-शांति वृक्षारोपण अभियान के तहत जिले भर मे ग्यारह हजार से अधिक छायादार व फलदार पोधे खरीद कर लगाने के अलावा उनमे से स्मृति वन मे लगे चार हजार पोधो को बडे होकर विशाल वृक्ष का रुप धारण करने तक पानी पहुंचाने के लिये डरीप सिस्टम लगाने के अलावा खाद का इंतजाम के साथ साथ किड़ो से बचाने के लिये दवाईयों का पूख्ता इंतजाम करने का जो नैक काम किया है। उसका अनूशरण करने की प्रेरणा अन्य भारतीय को भी मिलती रहेगी।

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is a young journalist & editor at Millat Times''Journalism is a mission & passion.Amazed to see how Journalism can empower,change & serve humanity