नई दिल्ली, दिल्ली के छतरपुर विधानसभा के खड़क रीवारा गांव में 40 से ज्यादा मुसलमानों के घर तोड़ दिए गए। उनके घर बिना नोटिस तोड़े गए है। जबकि नियम है अगर कोई जगह अवैध है तो पहले कानूनी नोटिस देने जरूरी है, लेकिन मुसलमानों को अब घर तोड़ने से पहले नोटिस देना भी मुनासिब नहीं समझा गया।
लोगों ने आरोप लगाया की पुलिस का पूरा गुंडाराज चल रहा है, वह बुलडोजर लेकर आती है और बिना नोटिस के हमारे घरों को तोड़ने लगती है। मिल्लत टाइम्स ने जाकर घटनास्थल की ग्राउंड रिपोर्ट की और वहां के हालातों पर लोगों से बात की है, इस मामले में चीफ एडिटर शम्स तबरेज कासमी ने लोगों से घटना की पूरी जानकारी हासिल की है।
लोगों ने बताया की 22 अक्टबूर को पुलिस बिना नोटिस के हमारे घर तोड़ने के लिए बुलडोजर लेकर आती है, और जबरदस्ती तोड़ने लगती है। हमें यह भी पता की हमारे घर क्यों तोड़े जा रहे है। हैरात की बात यह है की पुलिस गांव के उस हिस्से को अवैध बता रही है जहां मुसलमान 150 सालों से रह रहे है। लेकिन गांव के दूसरे हिस्से को नहीं तोड़ा गया क्योंकि वहां हिंदू भी रहते है।
पुलिस ने लोगों से कहा की पावर ऑफ अटॉर्नी पर बने घर की कोई वेल्यू नहीं है इसलिए हमे तोड़ने आए है। क्योंकि इस इलाके के हर घर के पास पावर ऑफ अटॉर्नी है। अगर मालूम हो तो दिल्ली का 70 प्रतिश्त हिस्सा पावर ऑफ अटॉर्नी के हिसाब से ही चलता है। वहा लोग ऐसे ही रहते है, लेकिन पुलिस ने इन घरों को क्यों तोड़ा इसकी वजह लोगों को भी नहीं पता।
मिल्लत टाइम्स से बातचीत करते हुए लोगों ने कहा की पुलिस ने हमें समान तक निकालने का मौका नहीं दिया। इलाके की महिलाओं ने पुलिस पर आरोप लगया है की उनके साथ धक्का-मुक्की की गई और मारने की धमकी दी गई। जिनके घर बुलडोजर चला है उनके पास अब रहने को कोई ठिकाना नहीं है।
गांव के लोगों से बातचीत में पता चला है की कुछ कुछ हिंदू के घरों पर भी बुलडोजर चलाया गया हैं। लोगों का कहना है की पुलिस ने समान तक निकालने तक मौके नहीं दिया और डंडे मारकर भागा दिया। एक महिला ने बताया की हमारी शादी का समान था जैन्स और महिला पुलिस बदमीजी कर रही थी, उन्होंने एक भी समान तक नहीं निकालने दिया।
कुछ महिलाओं ने आरोप लगाया हैं की पुलिस ने मारपीट की और कहा की अगर हमे हुकुम होता तो हम तुम्हें मार भी देते। वहीं एक महिला को थाने ले गए और वहां जाकर भी मारपीट की और जो उनके बचाव में आए उन्हें भी बेरहमी से पीटा। इतना ही नहीं जो भी मकान तोड़े गए सभी पक्के बने थे, लोगों ने कहा है की 27 अक्टूबर को एक बार फिर तोड़ेंगे। एक
महिला ने रोते हुए मिल्लत टाइम्स को बताया की हमारे घर में जच्चा औरत थी उस तक समान नहीं निकालने दिया। उसने यह भी बताया उस औरत की लड़की खत्म हो गई पुलिस वाली कहने लगी तू नाटक कर रही है। जच्चा की हालत खराब है उनका सारा समान समेत घर तोड़ दिया गया है। लोगों ने कहा यहां का MLA कुछ नहीं कर रहा है।