नई दिल्ली, (शमसीदा खातून) देखते ही देखते मुहम्मद कैसर सिद्दीकी के निधन को 2 साल पुरे हो गए। आज ही के दिन 24अक्टूबर 2020 को अचानक दिल का दौरा पड़ने से आपका इंतकाल हो गया था। आप उस दिन घर से सुबह 8 बजे एक न्यूज़ कवर करने क लिए निकले थे, साथ में आप ने मुज़फ्फर आलम को भी ले लिया था।
उसके बाद आप मिल्लत टाइम्स के पत्रकार मेराज आलम के यहां गए। मेराज आलम ने आपके लिए चाय नाश्ता का भी इंतज़ाम किया । जैसे आपने चाय पीना शुरू किया, आपको हलकी सी हिचकी आई, अचानक दिल का दौरा आना शुरू हो गया । पहला दौरा आने के बाद आप होश में आ गए थे, एक मिनट्स बाद ही लगातार दौरा आने लगा और उन की रूह निकल गई।
अंतिम दौरा आने पर आपने कलमा भी पढ़ लिया, ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुर रसुल्लाह। पहले आप एक ईमानदार शिक्षक के रूप में उभरे, उसके बाद आप एक समाज सेवक भी थे। इसी बीच आप ने मीडिया में अपनी दिलचस्पी दिखानी शूरू की और मिल्लत टाइम्स का हिंदी सेक्शन शुरू किया। साल 2019 में आपने एक लोकल मीडिया हाउस की शुरुआत की जिस का नाम सीतामढ़ी टाइम्स रखा, आप इस के संस्थापक और चीफ एडिटर थे।
आपके अंदर हर तरह का कला था, बेशुमार हो गुण था जिस के बारे में जितना भी लिखूं कम है। बहुत कम उम्र में आप ने अपनी एक पहचान बनाई, युवाओं के लिए रोल मॉडल बने, एक अच्छे टीचर के तौर पर जाने गए। एक बेबाक पत्रकार के तौर पर मुल्क भर में उनको पहचाना गया।
मिल्लत टाइम्स हिंदी की उन्होंने स्थापना की और उसकी पूरी टीम बनाई। फिर लोकल खबरों के लिए उन्होंने सीतामढ़ी टाइम्स की भी शुरुआत की। आप बहुत खुश मिजाज भी थे, मैं प्रार्थना करती हूं कि सीतामढ़ी जिले में हर युवा इसी तरह बनने का प्रयास करे। अल्लाह आपके जन्नत में आला मक़ाम दे।
लेखक: शमसीदा खातून