नई दिल्ली, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने ‘वॉयस ऑफ हिंद’ मॉड्यूल मामले में वाराणसी और दिल्ली में दो स्थानों पर छापेमारी की है। जिसमें एक 24 साल के मुस्लिम युवक बासित कलाम सिद्दीकी को वाराणसी से गिरफ्तार किया है।
एक बयान में, एजेंसी ने दावा किया कि सिद्दीकी कथित तौर पर आईएसआईएस की ओर से भारतीय राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए भारतीय युवाओं की भर्ती में शामिल था। साथ ही वॉयस ऑफ खुरासान’ नामक पत्रिका के जरिए ISIS का प्रोपेगेंडा चला रहा था।
गिरफ्तारी के दौरान कलाम के पास से एनआईए ने आईईडी और विस्फोटक पदार्थों के निर्माण से संबंधित हस्तलिखित नोट, मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन-ड्राइव आदि जैसे आपत्तिजनक लेख जब्त किए है। बासित पर आरोप है की वह अफगानिस्तान में किसी के इशारे पर विस्फोटक ‘ब्लैक पाउडर’ बना रहा था।
कलाम वाराणसी के लालपुर पांडेपुर थाना अंतर्गत मकबूल आलम रोड का रहने वाला है। गिरफ्तारी के बाद बातचीत और उसके पिता को लालपुर पांडेपुर थाने लाकर पूछताछ रात के वक्त में भी जारी थी।
एनआईए की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एनआईए ने 2 स्थानों पर छापे और तलाशी ली और आईएसआईएस ‘वॉयस ऑफ हिंद’ मॉड्यूल मामले में एक को गिरफ्तार किया। 19.10.2022 को एनआईए ने वाराणसी, यूपी और दिल्ली में दो स्थानों पर छापेमारी की और बासित को गिरफ्तार किया।
कलाम सिद्दीकी पुत्र कलाम अहमद सिद्दीकी, (आयु 24 वर्ष) निवासी वाराणसी में आरसी-14/2021/एनआईए/डीएलआई के मामले में। यह मामला आईएसआईएस, एक प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन द्वारा साजिश से संबंधित है जो भारत में प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भर्ती करने के लिए भारतीय राज्य के खिलाफ हिंसक जिहाद छेड़ने के लिए काम करता है।
एनआईए द्वारा 29.06.2021 को आईपीसी की धारा 124ए, 153ए, और 153बी और यूए (पी) अधिनियम 1967 की धारा 17, 18, 18बी, 38, 39 और 40 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बता दें 2009 में पकड़े गए 5 मुसलमानों को हाल ही में NIA कोर्ट ने यह कहते हुए बरी किया की एजेंसी ने कोर्ट का वक्त बर्बाद किया है, वह पांचो पर लगे इल्जाम को साबित नहीं कर पाए थे। सभी को दहशतगर्दी और बम विस्फोट सामान रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 13 साल तक कोर्ट में केस चला लेकिन पांचों मुसलमानों पर लगे आरोप गलत साबित हुए, जिसके कारण कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।