नई दिल्ली, (रुखसार अहमद) यूपी के बागपत से एक मुस्लिम बुजुर्ग की लिंचिंग का मामला सामने आया है। जहां कुछ लोगों ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी। जिनकी हत्या हुई है उनका नाम दाऊद अली त्यागी था। जब उनके साथ यह हादसा हुआ उस समय वह अपने घर के बाहर आराम से लेटे थे, उन्हें यह भी नहीं पता था की कोई उनकी जान लेना चाहता था।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक विनयपुर गांव के दाऊद अपने घर के बाहर आराम से चारपाई पर लेटे फोन पर बात कर रहे थे, मोहल्ले के ही नईम त्यागी और अकरम उनके पास ही बैठे थे, तभी अचानक 6-7 बाइक पर सवार कुछ लोगों की भीड़ आई और उन पर हमला कर दिया। दाऊद अली पर उन लोगों ने फरसों, डंडों और साइकिल की चेनों से वार किया। जिस हाथ से उन्होंने फोन पकड़ा हुआ था, वह टूट गया और चारपाई ख़ून से लाल हो गई।
जो लोग हमला कर रहे थे, वह फ़ायरिंग करते हुए जय श्री राम के नारे लगा रहे थे, इस हमले में नईम त्यागी ने किसी तरह अपनी जान बचा ली। लेकिन दाऊद को उस भीड़ ने मार डाला, जिस तरह उनपर हमला किया ऐसा लगा कि वह सिर्फ उन्हें ही मारने आए थे।
यूपी में मुसलमानों की लिंचिग होना आम बात हो गई है। ऐसे मामले बढ़ते जा रहे है, लेकिन यूपी सरकार दावा करती रही है कि राज्य में कानून व्यवस्था सबसे ज्यादा बेहतर है, ऐसी घटनाएं का होना यूपी सरकार पर भी कई सवाल खड़े करता है। जख्मी हालत में दाऊद को परिवार वाले अस्पताल ले गए, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
दऱअसल खबर डेढ़ महीने पूरानी है, लेकिन परिवार वाले आज भी दशहत में जी रहे है, दाऊद अली एक छोटे किसान है, और उनके तीन बेटे है जो दिल्ली में रहते है, जब उन पर हमला हुआ तो उनके बेटे शाहरुख़ दिल्ली में ही थे। वह जामिया में पढ़ते है, साथ ही सिविल सेवा की तैयारी कर रहे शाहरुख़ इस हमले के बाद से ही घर पर हैं और सदमे में हैं पढ़ाई नहीं कर पा रहे।
पुलिस से न्याय की उम्मीद लगाकर बैठे है। वहीं घटना के मौके पर मौजूद उनकी बेटी लुबना आज भी डर जाती है, वह कहती है मेरे पिता की क्या गलती थी जो उनकी हत्या कर दी गई। जब मेरे पिता पर हमला किया वह घर के बाहर चारपाई पर आराम से लेटे थे, उन्हे कई हाथियारों से मारा गया। पुलिस ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जिन चार अभियुक्तों को गिरफ़्तार किया गया है वो विनयपुर से क़रीब एक किलोमीटर दूर गुर्जर बहुल भगौट गांव के हैं।
विनयपुर और भगौट के लोगों के बीच हमेशा से पारिवारिक रिश्ते रहे हैं। खबर यह भी सामने आई है कि दाऊद की हत्या से पहले मंदिर में बैठकर इसकी योजना बनाई गई थी, उसके बाद उनपर हमला किया गया। इस घटना से पहले भगौट के युवक व्हाट्सएप पर उकसाऊ पोस्ट कर रहे थे। करीब 22 लोग इस हमले में शामिल थे। इस हादसे पर गांव के लोगों का कहना है कि हिंदू-मुसलमानों में नफरत फैलाने के लिए इस वरदात को अंजाम दिया गया।
बता दें यह घटना 2 सिंतबर की बताई जा रही है, पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जानकारी दी है कि 50 साल के दाऊद पर 22 लोगों ने हमला किया, इसकी तहरीर दाऊद के भतीजे नदीम खान ने लिखवाई। 7-8 बाइक पर करीब 22 लोग सवार थे, और मेरे चाचा पर हमला किया। कई बड़े-बड़े हथियारों से उन पर वार किया गया। जिसमें चाचा दाऊद घायल हुए और ईलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पुलिस ने इस मामले में धारा 379/22 और धारा 147, 148,149, 302, के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कार्रावई करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया और 2 मोटसाईल बरमाद की है, जांच जारी है। लेकिन बड़ी बात यह रही की ऐसी खबर हमारे बड़े-बड़े टीवी चैनलों से दूर रही है, ना डिबेट हुई। अगर इस घटना में मरने वाला हिंदू समुदाय से जुड़ा होता और मारने वाला मुसलमान तो शायद आज यह टीवी चैनलों की सबसे बड़ी खबर होती।