नई दिल्ली, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ धन शोधन रोधी कानून के तहत चार्जशीट दाखिल की है। राणा अय्यूब पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से जुटाए गए 2.69 करोड़ रुपये का इस्तेमाल अपने लिए किया और विदेशी अंशदान कानून का भी उल्लंघन किया है।
केंद्रीय एजेंसी ने 12 अक्टूबर को गाजियाबाद में एक विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष अय्यूब के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की गई। ED ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘राणा अय्यूब ने धर्मार्थ के लिए निधि एकत्र करने के मकसद से अप्रैल, 2020 से ‘केटो प्लेटफॉर्म’’ के जरिए तीन चैरिटी अभियान शुरू किए और कुल 2,69,44,680 रुपये जमा किए है।
उसने कहा कि झुग्गी बस्ती में रहने वालों और किसानों के लिए धन जुटाने, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य करने और भारत में कोविड-19 से प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए अय्यूब और उनकी टीम की मदद करने के लिए ये अभियान चलाए गए थे। ईडी के मुताबिक जांच में पाया गया कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जुटाई गई धनराशि अय्यूब के पिता और बहन के खातों में भेजी गई थी और इसे बाद में उसके व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर किया गया।
महीनों पहले राणा अय्यूब ने एक बयान में इन आरोपों का खंडन भी किया था। उन्होंने कहा था कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए COVID-19 महामारी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पैसे इकट्ठा किए थे। उसका कोई भी दुरुपयोग नहीं हुआ। राणा के एक बयान में कहा गया है, “यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि राहत अभियान कोष का कोई भी हिस्सा बेहिसाब नहीं है, और व्यक्तिगत खर्चों के लिए धन के दुरुपयोग के किसी भी दूरस्थ आरोप की कोई गुंजाइश नहीं है।
बता दें फरवरी में,एजेंसी ने दावा किया था कि उसने मामले के संबंध में अयूब से संबंधित 1.77 करोड़ रुपये की बैंक जमा राशि संलग्न की है। ईडी द्वारा जारी लुकआउट सर्कुलर के आधार पर उन्हें मार्च में विदेश जाने से भी रोका गया था।