बंगाल में विसर्जन के दौरान आ गई थी बाढ, मोहम्मद मानिक ने जान पर खेलकर बचाई 10 से ज्यादा लोगों की जान

नई दिल्ली,  बंगाल के जलपाईगुड़ी में विसर्जन के दौरान अचानक वॉटर लेवल बढ़ गया। इस घटना में 8 लोगों के मरने की खबर है और 13 से ज्यादा घायल हुए है। यह संख्या और बढ़ सकती थी,

लेकिन एक मुस्लिम लड़के ने 10 से ज्यादा लोगों को अपनी जान पर खेलकर बचा लिया। दरअसल विसर्जन के वक्त जब यह घटना हुई मोहम्मद मानिक भी वहीं थे, उन्होंने देखा लोग पानी में डूब रहे यह देख मानिक ने अपनी जान की परवाह किए बगैर पानी में छलांग लगा दी और बड़ी बहादुरी से कम से कम 10 से ज्यादा लोगों की जान बचा ली।

पानी में बह रहे लोगों को बचाने के दौरान मोहम्मद मानिक के पैर में भी चोट लग गई। उन्हें रात में मालबाजार सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। वहीं मोहम्मद माणिक अब सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। हर कोई उनकी बहादुरी की तारीफ कर रहा है। लोग उन्हें रियल हीरो बता रहा हैं।

घटना से जुड़ा एक वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें मोहम्मद मानिक खूद बता रहे है, उन्होंने किस तरह लोगों को बचाया। मानिक ने बताया कि, मैंने लोगों को और मेरे बेटे जैसे छोटे बच्चों को बहते हुए देखा। मैं खड़ा होकर नहीं देख सकता था। मैं अल्लाह का नाम लेकर नदी में कूद पड़ा। बस इतना विश्वास था कि ईश्वर है और मुझे तैरना आता है। लोगों को बचाने की पूरी कोशिश की।

मानिक अपने दम पर 10 से ज्यादा लोगों को जिंदा बहार निकालने में सफल रहे।  मोहम्मद मानिक पेशे से वेल्डर हैं। वह अपने माता-पिता, पत्नी, तीन साल के बेटे और छोटे भाई के साथ मालबाजार से कुछ किलोमीटर दूर पश्चिम तेशिमाला गांव में रहते हैं। मानिक ने बताया कि, हर साल मैं एक दोस्त के साथ विसर्जन स्थल पर जाता हूं। इस बार भी गया था। कुछ देर बाद बाढ़ आ गई। जब मैने यह हादसा होता देखा तो मुझसे रुका नहीं गया अल्लाह का नाम लेकर मैने बस लोगों की जान बचाने के लिए पानी में कूद गया।

बता दें इन दिनों जिस तरह मुसलमानों के साथ अत्याचार बढ़ रहा है, वहीं मानिक ने यह सबित कर दिया ऐसे समय में धर्म मनाए नहीं रखता। मानिक चाहता तो पानी में नहीं कूदता क्य़ों इस घटना में हिंदू समुदाय के लोगों की जान जा रही थी, लेकिन उसने यह साबित किया है कि मुसलमान कभी हिंदू से नफरत नहीं करता धर्म से पहले इंसानियत होती है।

 

 

 

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