गुजरात : गरबा में पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए मुस्लिम युवकों को पुलिस ने भीड़ के बीच खंभे से बांधकर पीटा

नई दिल्ली, गुजरात के खेड़ा जिले में गरबा के दौरान पत्थरबाजी के आरोप में पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत में लिया था।  हिरासत में लिए गए मुस्लिम आरोपियों को पुलिस गांव में लेकर आई।

जिसके बाद उन्हें एक खंभे से बांधकर बेरहमी से पीटने लगी। इतना ही नहीं मुस्लिम युवकों से पुलिस ने हाथ जोड़कर हिंदू समुदाय के लोगों से माफी भी मंगवाई। मुस्लिम होने पर इस तरीके की सजा दी गई, लेकिन जब हिंदू समुदाय के लोग मुस्लमानों के घर पर हमला करते है, तब पुलिस ऐसी कार्रवाई क्यों नहीं करती।

पुलिस के मुताबिक, जहां गरबा का कार्यक्रम आयोजित किया गया, वहां पास में एक मस्जिद है। जिस कारण मुस्लिम लोगों ने इसका थोड़ा विरोध किया। पुलिस ने आरोप लगाया है कि मुस्लिमों ने गरबा कार्यक्रम में हमला किया है, जिसमें एक पुलिसकर्मी समेत सात लोग घायल हो गए थे। इस घटना से जुड़े एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस सदी वर्दी में युवको को लाठी-डंडे से पीटते नजर आ रही है।

स्थानीय मीडिया वीटीवी गुजराती न्यूज ने अपने हैंडल से इस वीडियो को ट्वीट किया है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, आरोपियों से जनता से मांफी मांगने के लिए कहा गया और जिस वक्त यह घटना हुई, मौके पर इलाके के प्रभारी पुलिस निरीक्षक मौजूद थे। इस वीडियो को देखकर कुछ ट्विटर यूजर्स पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सोमवार (3 अक्टूबर) की रात को महिलाओं समेत करीब डेढ़ सौ लोगों की भीड़ ने एक मंदिर के परिसर में चल रहे गरबा कार्यक्रम पर पत्थर फेंके थे और 43 लोगों को मामले में नामजद किया गया था। पुलिस उपाधीक्षक वीआर बाजपेयी ने पीटीआई को बताया, “मातर पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने 13 लोगों को हिरासत में लिया था। वहीं, घटना के बाद गांव में भारी पुलिसबल तैनात किया गया था।

बाजपेयी ने बताया कि गांव के सरपंच ने मंदिर में गरबा का कार्यक्रम रखा था, जिसे मुस्लिम समुदाय की एक भीड़ ने रोकने को कहा था। पुलिस ने मुस्लिम भीड़ पर पथराव करने का आरोप लगया है, उपाधीक्षक बाजपेयी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ हत्या की कोशिश, दंगा करने, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने और जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की गई है।

वहीं इस घटना पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी नाराजगी जाहिर की है। वीडियो साझा करते हुए ओवैसी ने लिखा, हर दिन बड़े पैमाने पर कट्टरता के अधिक प्रमाण मिलते हैं। पुलिस द्वारा कोड़े मारना और भीड़ द्वारा हिंसा करना आम बात हो गई है। मुसलमानों के खिलाफ लक्षित हिंसा को न्याय के रूप में माना जाता है। यह है मोदी के विश्वगुरु/नए भारत/5जी/$5 ट्रिलियन टन की अर्थव्यवस्था की हकीकत में पथराव करने वाले शख्स की पिटाई के वक्त वहां मौजूद भीड़ भारत माता की जय के नारे लगा रही है। उछल-उछल कर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं।

 

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