नई दिल्ली, तमिलनाडु सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के ‘रूट मार्च’ को अनुमति देने से इनकार कर दिया है। यह मार्च 2 अक्टूबर होने वाला था।
मद्रास उच्च न्यायालय के अपने पक्ष में आदेश के बावजूद, RSS ने तिरुवल्लूर पुलिस द्वारा मार्च आयोजित करने की अनुमति के लिए उसकी याचिका को खारिज करने पर गृह सचिव सहित राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को नोटिस जारी किया।
दक्षिणपंथी संगठन ने राज्य के गृह सचिव फणींद्र रेड्डी, डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू, स्थानीय एसपी और नगर पुलिस निरीक्षक को कानूनी नोटिस जारी कर पूछा कि अदालत के आदेश की अवहेलना करने पर उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए।
वहीं इस मामले में एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारा मार्च शांतिपूर्ण है और मद्रास उच्च न्यायालय ने पहले ही इसके लिये अनुमति दे दी है। हम इस मुद्दे पर कानूनी रूप से आगे बढ़ेंगे। संघ ने पहले ही राज्य के गृह सचिव फणींद्र रेड्डी, पुलिस महानिदेशक सी शैलेंद्र बाबू और तिरुवल्लुर के पुलिस निरीक्षक को कानूनी नोटिस जारी कर यह जानना चाहा था कि अदालत के आदेश की अवहेलना के लिए उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जानी चाहिए। द्रमुक सरकार ने वीसीके, भाकपा और माकपा को भी दो अक्टूबर को एक मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से मना कर दिया है।