गोधरा : बिलकिस बानो के समर्थन में पदयात्रा निकाल रहे सामाजिक कार्यकर्ता संदीप समेत कई लोगों को हिरासत में लिया

नई दिल्ली, गुजरात के गोधरा में बिलकिस बानो के लिए पदयात्रा निकालने जा रहे कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह लोग आज सोमवार 26 सितंबर को बिलकिस बानो के साथ हुए अन्याय को लेकर शांतिपूर्ण पदयात्रा निकालने निकालने जा रहे थे।

उससे पहले गोधरा डीवीजन-।। की भारी संख्या में आई पुलिस ने खाना खाते समय सभी एक्टिविस्टों को गिरफ्तार कर लिया। एक्टिविस्टों ने अपनी इस पदयात्रा का स्लोगन ‘बिलकिस हम शर्मिंदा हैं’ रखा था।

रैमन मैगसैसे पुरस्कार विजेता संदीप पांडे और अन्य कार्यकर्ता ‘हिंदू-मुस्लिम एकता समिति’ के बैनर तले पड़ोसी दाहोद जिले के उनके पैतृक गांव रंधीकपुर से सोमवार को ‘बिल्कीस बानो से माफी मांगो’ पैदल मार्च शुरू करने वाले थे। मार्च चार अक्टूबर को खत्म होना था। इससे पहले सभी को गिरफ्तार कर लिया।

खबर के मुताबिक बताया जा रहा है कि पदयात्रा की जानकारी मिलते ही रात के वक्त भारी तादाद में पुलिस बल  इन सभी की मौजूदगी वाली जगह पहुँच गई। यह सभी लोग उस वक्त इलाके के काउंसलर हनीफ के घर भोजन कर रहे थे। वह भी आज की इस पदयात्रा में शामिल होने वाले थे। मौके पर आई पुलिस ने इन सभी को डिटेन कर लिया और गोधरा के डीवीडन-।। थाने ले गई।

वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी ने सभी गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग करते हुए ट्वीट कर लिखा है कि, ‘गोधरा पुलिस द्वारा डॉ संदीप पांडेय, नूरजहां दीवान, हनीफ कलंदर, तनुश्री, नितेश गंगारमानी, कौसर अली व टी गोपाल कृष्ण द्वारा प्रस्तावित यात्रा की पूर्व संध्या पर बिलकिस बानो का समर्थन है।’ Also Read – प्रगतिशील महिला एकता केंद्र का तीसरा सम्मेलन हल्द्वानी में, महिलाओं की स्थिति पर दो दिन होगा मंथन।

बता दें कि साल 2002 में पांच महीने की गर्भवती बिलकिस बानो से गैंगरेप किया गया था। उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी. इस मामले में 21 जनवरी 2008 को मुंबई की विशेष सीबीआई अदालत ने 11 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सजा को बरकरार रखा था। लेकिन गुजरात सरकार ने माफी नीति के आधार पर इन 11 दोषियों को समय से पहले ही रिहा कर दिया था।

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