नई दिल्ली, झारखंड के रांची सदर अस्पताल में एक मुस्लिम महिला के साथ धर्म के नाम भेदभाव किया गया। साथ ही डॉक्टर ने उन्हे जिहादी बता इलाज करने से साफ मना कर दिया।
इस घटना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिला बता रही है, कि उसे जिहादी बताया गया और कहा की 6 महीने में फिरसे बच्चे पैदा करने की चाहत है। मिली जानकारी के मुताबिक महिला के परिवार वालों ने अस्पताल में इसका विरोध भी किया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सूनी।
मुसलमान होने के कारण महिला का इलाज से मना करने वाली डॉक्टर को भी छुपा दिया गया। दऱअसल फरहाद जबी नाम की महिला अपने स्वास्थ्य के जांच के लिए सदर अस्पताल पहुंची थी। जिसके साथ उन्हें धर्म के नाम पर प्रताड़ित किया गया, उन्हें जिहादी बताया गया और ज्यादा बच्चे पैदा करने का आरोप लगया।
महिला ने बताया कि मैं पिठोरिया से इलाज करना आयी हूं, मैं अपनी समस्या बता रही थी जिसपर ड्यूटी में तैनात डॉक्टर झल्ला गयी। नर्स और डॉक्टर ने मुझे जिहादी बताया। महिला बोली की मुसलमान होने के कारण हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया है। वहीं महिला के पति तैयब आलम ने कहा कि उसकी पत्नी अपनी पीड़ा बता रही थी। यहां इलाज के बजाए हमलोगों के साथ अभद्रता किया गया। इससे मन विचलित है।
झारखंड के राँची सदर अस्पताल में एक मुस्लिम महिला का आरोप है कि डॉक्टर ने उन्हे जिहादी बता इलाज़ से इंकार कर दिया। साथ ही कहा कि बिना बताए कॉपर-टी लगा दी गई और जब हटाने को कहा तो उन्हे जिहादी बता उनपर फिरसे बच्चे पैदा करने की चाहत का आरोप लगा दिया। जबकि उनका बच्चा अभी 6 माह का है। pic.twitter.com/z5a0XYFB7L
— Millat Times हिंदी (@MillatHindi) September 7, 2022
बता दें कि घटना के बाद सदर अस्पताल नए भवन के मुख्य द्वार पर फरहाद जबी अपने पति तैयब आलम और 6 महीने की बच्ची के साथ धरने पर बैठ गई थी। हालांकि कुछ वक्त के बाद वो धरने पर से उठ गयी। वहीं इस मामले पर सिविल सर्जन रांची डॉ विनोद कुमार ने कहा कि मैं इस घटना की निंदा करता हूं। आरोप लगाने वाले मरीज को लिखित में शिकायत करने के लिए कहा गया है। जांच के उपरांत नियम संगत कार्रवाई करेंगे। सवाल यह उठता है कि ऐसे मामलों में पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती है। मुसलमान होने के कारण अब क्या इलाज भी नहीं किया जाएगा