नई दिल्ली, यूपी के बदायुं में मौजूद जामा मस्जिद पर हिन्दू पक्ष ने नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है। ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब हिंदुओं ने बदायूं की जामा मस्जिद को लेने की बात कही है।
इसे लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा है कि बदायूं की जामा मस्जिद में नीलकंठ महादेव मंदिर है। वहीं बदायूं सिविल कोर्ट में न्यायाधीश विजय गुप्ता ने इस मामले में वाद दायर करने की इजाजत देते हुए मामले की अगली सुनवाई 15 सितम्बर को करने की बात कही है।
याचिका दायर करने वाले हिन्दू पक्ष ने इससे जुड़े कई सबूत भी कोर्ट में पेश किए हैं। वहीं जामा मस्जिद कमेटी के पक्षकार ने एतराज दाखिल किया है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने उत्तर प्रदेश के बदायूं की जामा मस्जिद शम्सी में नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया है।
महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल, अरविन्द परमार, ज्ञान प्रकाश, डॉक्टर अनुराग शर्मा और उमेश चंद्र शर्मा ने जामा मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर बताया है और इसके सबूत दिए हैं।
कहा गया है कि जिस स्थान में आज जामा मस्जिद बदायूं है वहां पहले राजा महिपाल का किला और उस किले में नीलकंठ महादेव का मंदिर हुआ करता था। याचिका दायर करने वालों ने कई ऐतिहासिक किताबों का हवाला देते हुए कहा है कि इन किताबों में जामा मस्जिद से पहले नीलकंठ महादेव मंदिर हुआ करता था जिसे मुग़लों ने तोड़कर मस्जिद बना दी थी।
बताया गया है कि कुतुबुद्दीन ऐबक के दामाद इल्तुत्मिश ने राजा महिपाल का कत्ल किया था, और उसी ने नीलकंठ मंदिर तोड़कर यहां मस्जिद बनवा दी थी। यहां महादेव का मंदिर है जिसे कोट ने स्वीकार किया है। इस बात में कितनी सच्चाई है यब कोर्ट का फैसला आने के बाद पता चलेगा।