नई दिल्ली, नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख एवं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि गुलाम नबी आजाद को पहले की तरह सम्मान नहीं दिया जा रहा होगा। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय से आजाद इनर कैबिनेट के सदस्य रहे।
आज भी सोनिया गांधी के करीबी थे। इस्तीफे पर उन्हें अफसोस है। फारूक अब्दुल्ला ने कहा, बड़ा अफसोस है मुझे कि ऐसा क्या हो गया कि इन्हें इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा।’ आगे फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘उन्हें (आजाद को) सम्मान नहीं मिल रहा होगा। 32 नेताओं ने पत्र लिखे तो कांग्रेस हैरान थी। लेकिन ऐसा पहले भी हुआ है, पर समय के साथ कांग्रेस और मजबूत हुई है। देश को मजबूत विपक्ष की जरूरत है।’
बता दें, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वह लंबे समय से पार्टी की नीतियों से नाराज चल रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे पांच पृष्ठ के त्यागपत्र में आजाद ने कहा कि वह भारी मन से यह कदम उठा रहे हैं। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए आजाद के इस्तीफे के पत्र में लिखा है, “बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।”