नई दिल्ली,(रुखसार अहमद) मध्य प्रदेश में एक मुस्लिम सोशल एक्टिविस्ट जैद पठान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जैद पर NSAलगा कर जेल भेज दिया गया है। उनका कासूर बस इतना था की खरगोन में मुसलमानों के घर बुलडोजर से ढहाने वाली कार्रवाई की सच्चाई लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की थी।
खबर के मुताबिक, इस मामले में इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने एपीएन लाइव डॉट कॉम को बताया कि जैद को समुदायों के बीच नफरत फैलाने, सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और सोशल मीडिया मंचों पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया है।
कलेक्टर श्री मनीष सिंह ने सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने, धार्मिक भावनाओं को भड़काने तथा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट डालने पर जावेद उर्फ जैद पठान को रासुका में किया निरुद्ध.
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हैरानी है जैद पठान को उस दिन गिरफ्तार किया गया जिस दिन एक मुस्लिम महिलाएं के रेप के आरोपियों को बरी किया जाता है और जैद को मुसलमान होने के कारण 15 अगस्त को गिरफ्तार किया जाता है। जैद के गिरफ्तारी होने के बाद लोगों ने काफी अलोचना करनी शुरू कर दी है।
15 अगस्त के दिन आजाद भारत में एक शख्स को इस तरह जेल भेजना क्या उचित था, सावल यह भी उठता है कि बिलकिस बनो के आरोपियों से बड़ा आरोप क्या जैद पर लगा था, जो उन्हें जेल से रिहा किया गया और जैद पठान को जेल में भेज दिया गया। असल में उनका मुसलमान होना ही उनका कासूर है।
बता दे कि जैद पठान के खिलाफ इंदौर के बाणगंगा पुलिस थाने और खरगोन पुलिस थाने में आरोप लगाए गए हैं। सोशल एक्टिविस्ट के तौर पर पहचाने जाने वाले पठान मध्य प्रदेश में स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा चलाए जा रहे बुलडोजर अभियानों के खिलाफ आवाज उठाते रहे हैं।
खरगोन में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा के बाद स्थानीय प्रशासन ने दुकानें और इमारतें ढहाना शुरू कर दिया था, उनमें से ज्यादातर आर्थिक रूप से वंचित मुस्लिम परिवारों के थे। करीब 80 लोग गिरफ्तार किए गए थे। एक फैक्ट-फाइंडिंग टीम, जिसमें आठ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल थे, उनके अनुसार वास्तव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार और जिला प्रशासन रामनवमी के दौरान क्षेत्र में हुई सांप्रदायिक हिंसा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने यह भी कहा था कि मामले में की गई कार्रवाई एकपक्षीय (मुसलमानों के खिलाफ) थी।
पठान ने मीडिया को बताया था कि प्रशासन मुसलमानों को निशाना बना रहा है, खासकर कि उनको जो उनके खिलाफ हुए अत्याचार के विरोध में खड़े हुए। उन्होंने यह भी कहा था कि रामनवमी हिंसा के गुनाहगारों ने झूठी एफआईआर दर्ज कराई थी।
ज़ैद पठान एक सोशल एक्टिविस्ट जिन्हें मध्यप्रदेश में NSA के तहत गिरफ्तार किया गया…pic.twitter.com/D4qLcZv45Y
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) August 17, 2022
पिछले साल अगस्त में भी, इंदौर में दिनदहाड़े भीड़ द्वारा एक चूड़ी बेचने वाले मुसलमान को पीटा गया और कथित तौर पर उसके साथ लूट की गई। राज्य के गृहमंत्री ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए दावा किया था कि पीड़ित पर हमला तब हुआ जब लोगों को एहसास हुआ कि वह अपना व्यापार चलाने के लिए फर्जी नाम का इस्तेमाल कर रहा था।
इस बीच ट्विटर पर कई एक्टिविस्ट ने जैद की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है। एक एक्टिविस्ट ने ट्वीट किया है कि पठान को तब से निशाना बनाया जा रहा था, जब से उन्होंने खरगोन प्रशासन द्वारा मुस्लिमों की संपत्ति को अवैध तरीके से गिराए जाने के खिलाफ आवाज उठाई थी।
एक अन्य एक्टिविस्ट ने लिखा कि गंभीर अपराध करने वाले लोगों को तत्काल जमानत मिल जाती है लेकिन जो सच बोल रहे हैं उन्हें गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ता है।
Zaid Pathan was being targeted ever since he stood against the illegal demolition of properties belonging to Muslims, by the authorities in Madhya Pradesh’s Khargone.
He was detained and booked under NSA, this morning, as this nation celebrated its 75th year of Independence. pic.twitter.com/ZKTMOeVN0e— Nadeem Khan (@nadeemkhanUAH) August 15, 2022
Madhya Pradesh police on 15 August, arrested Muslim Activist Zaid Pathan, who spoke out against the demolition of Muslim properties in Madhya Pradesh's Khargone, following anti-Muslim violence in April this year.
Before his arrest, I spoke to him.#ZaidPathan pic.twitter.com/Vicy9FEHm1
— Meer Faisal (@meerfaisal01) August 17, 2022
वही अब कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने भी जैद पठान के लिए अवाज उठाई है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, जै़द पठान समाजसेवी का इतना कसूर है कि उसने इंदौर की एक आवरा लाश की पहचान कराने में शासन का सहयोग किया था। कोरोना काल में इस व्यक्ति ने मरीज़ों को निःशुल्क सेवाएँ दीं और हमेशा ग़रीबों की मदद करता रहा है। ऐसे व्यक्ति को NSA लगा कर जेल भेज दिया जाना कहॉं तक उचित है, जबकि ज़ैद हमेशा हिंदू मुस्लिम एकता के लिए प्रयास करता रहा है। ऐसे व्यक्ति पर से तत्काल NSA वापस लेना चाहिए।
जै़द पठान समाजसेवी इंदौर का इतना कसूर है कि उसने इंदौर की एक आवरा लाश की पहचान कराने में शासन का सहयोग किया। कोरोना काल में इस व्यक्ति ने मरीज़ों को निःशुल्क सेवाएँ दीं और हमेशा ग़रीबों की मदद करता रहा है।
1/n @INCMP @CMMadhyaPradesh@IndoreCollector— digvijaya singh (@digvijaya_28) August 17, 2022