स्वतंत्रता दिवस के मौके बोली पत्रकार कप्पन की बेटी- कहा ‘मेरे पिता की आज़ादी छीन, उन्हें अंधेरे कमरे में बंद कर दिया

नई दिल्ली, पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की बेटी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वह अपने पिता के साथ हुई नाइंसाफी और आजादी के बारे में बता रही है।

सिद्दीकी कप्पन की बेटी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक भाषण दिया है, जिसकी काफी सरहाना की जा रही है। मैं मेहनाज़ कप्पन हूं। पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की बेटी, एक नागरिक जिसे एक नागरिक की स्वतंत्रता को तोड़कर एक अंधेरे कमरे में मजबूर किया गया है, “इस तरह सिद्दीकी कप्पन की 9 वर्षीय बेटी ने अपना स्वतंत्रता दिवस भाषण, 15 अगस्त को शुरू किया।

सिद्दीकी कप्पन दिल्ली के एक मलयाली पत्रकार हैं, जिन्हें यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम) के तहत गिरफ्तार किया गया था और अक्टूबर 2020 से जेल में हैं, जब उन्होंने एक दलित के बलात्कार और हत्या पर रिपोर्ट करने के लिए हाथरस जाने की कोशिश की थी।

दरअसल मेहनाज़ का वीडियो ट्विटर पर वायरल है। उन्होंने ये भाषण नोटापरम जीएलपी सरकारी स्कूल में दिया, जहां वो पढ़ती हैं। मेहनाज़ ने अपने भाषण में कहा कि हम जिस स्वतंत्रता का आनंद लेते हैं, वह संघर्ष का परिणाम है। भारतीय नागरिकों की स्वतंत्रता उनसे नहीं छीनी जानी चाहिए। उन्होंने आगे कहा, इस महान अवसर पर जब भारत अपने 76वें स्वतंत्रता वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

मैं इस पर गर्व करती हूं और अधिकार से कहती हूं भारत माता की जय! आज हम जिस आजादी का आनंद ले रहे हैं वह गांधीजी, नेहरू, भगत सिंह और अनगिनत अन्य महान क्रांतिकारियों और क्रांतिकारी नायकों के बलिदान का परिणाम है। मेहनाज़ का भाषण सभी लोग गौर से सुन रहे थे। आगे मेहनाज़ ने कहा कि आज भारतीय कई तरह से आज़ाद हैं। जैसे उन्हें क्या बोलना चाहिए, क्या खाना चाहिए, कौन सा धर्म चुनना चाहिए। ये सब चुनने का उनके पास अधिकार है। मेहनाज़ ने कहा, 15 अगस्त को स्वतंत्र हुए भारत की गरिमा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन आज सभी जगहों पर अशांति है।

हर जगह धर्म, जाति, राजनीति पर हिंसा हो रही है। हमें प्रेम और एकता से इन सभी का सफाया करना चाहिए। अशांति की छाया को मिटा देना चाहिए, और सभी को साथ मिलकर यह जीवन जीना चाहिए। हमें भारत को सफलता की ऊंचाइयों तक लेकर जाना चाहिए। हमें बिना लड़े एक बेहतर कल का सपना देखना चाहिए। भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले सभी वीर देशभक्तों को याद करते हुए, मैं यहां यह कहकर रूकती हूं कि भारत के आम नागरिकों की स्वतंत्रता नहीं छीनी जानी चाहि।. जय हिंद, जय भारत! ”

बता दें केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (KUWJ) और सिद्दीक की पत्नी गिरफ्तारी के बाद से उनकी रिहाई के लिए लड़ रहे हैं। सिद्दीक के परिवार ने कई मौकों पर कहा है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन पर जबरदस्ती  मामला थोपा है। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने उन पर शांति भंग और UAPA के तहत मामला दर्ज किया है।

 

 

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