नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उन्हें रामपुर जोन से रोकने का आदेश देने की यूपी सरकार की अपील को खारिज कर दिया है।
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उन्हें रामपुर जाने की इजाजत ना दी जाए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जौहर यूनिवर्सिटी के पास जमीन को तुरंत डी-सील करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने आजम खान को नियमित जमानत भी दी। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस शर्त को हटा दिया था, जिसमें जमानत के तौर पर कब्जा की गई 13 एकड़ जमीन प्रशासन को देने को कहा था।
जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच ने कहा कि एक नया ट्रैंड सामने आया है, जहां हमें ऐसे आदेश बार-बार मिल रहे हैं. अदालतों द्वारा जमानत की ऐसी शर्तें लगाई जाती हैं, जिनका मामले के तथ्य से कोई लेना-देना नहीं है। इस आदेश में भी हाईकोर्ट ने ऐसे मामले का जिक्र किया है जो जमानत की प्रार्थना से पूरी तरह से असंबंधित है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आजम खां को छूट दी थी कि वो यूपी सरकार के खिलाफ अवमानना का मामला दाखिल करे। आजम खान ने अदालत की अंतरिम रोक के बावजूद सरकारी कार्यवाही करने का आरोप लगाया था। आजम खां ने कोर्ट से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी, उसके बाद भी जौहर यूनिवर्सिटी के पास जमीन पर कार्यवाही की गई। यूनिवर्सिटी के बाड़ की तार काटी गई और यूनिवर्सिटी को काम करने से रोका गया।
पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के 10 मई के फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता (खान) को उम्र और उनके स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी जा रही है, जबकि उनके खिलाफ शुरू किए गए ज्यादातर मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है। बता दें कि आजम खान को सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में 19 मई को अंतरिम जमानत दी थी. कोर्ट ने कहा था कि लंबित मामलों में निचली अदालत से नियमित जमानत लें।
नियमित जमानत मिलने तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी. कोर्ट ने आजम खान को दो हफ्ते के भीतर संबंधित अदालत के समक्ष नियमित जमानत के लिए आवेदन करने की स्वतंत्रता दी थी. कोर्ट का कहा था कि सक्षम अदालत द्वारा नियमित जमानत का फैसला होने तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी.