अब संसद परिसर में धरने पर रोक, विपक्ष ने इस फैसले को बताया बीजेपी की बड़ी साजिश

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नई दिल्ली : संसद भवन में कुछ शब्दों पर पाबंदी के बाद अब धरना-प्रदर्शन करने पर भी रोक लगाने का फैसला लिया गया है। दरअसल सचिवालय ने बयान जारी कर धरना-प्रदर्शन पर रोक के आदेश को रूटीन प्रक्रिया बताया है।

वहीं इस फैसले के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी की लोकतांत्रिक आवाजों को दबाने की साजिश रच रही है। शुक्रवार सुबह संसद परिसर में किसी तरह के धरना, प्रदर्शन और अनशन पर रोक लगाने की खबर आने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इसके आदेश की कॉपी साझा करते हुए कहा कि विश्वगुरु का नया काम- ‘धरना’ मना है।

इस आदेश को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा कि बीजेपी वन पार्टी रूल चाहती है। कहीं कोई दूसरा विकल्प न हो, कोई दूसरा विपक्षी दल न हो, इसलिए सबकी आवाज दबाना चाहती है। बीजेपी ने विपक्ष में रहकर सभी वो काम किए हैं, जिनपर आज यह रोक लगा रही है।

वहीं कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र में संसद का दर्जा मंदिर की तरह होता है, वही हमारी अभिव्यक्ति की स्वंत्रता की रक्षा करता है। जब कोई संतुष्ट नहीं होता तो वह प्रदर्शन करता है, गांधी जी की प्रतिमा के नीचे भी हम धरना देते रहे हैं, यह लोकतंत्र का संविधानिक अधिकार है। यदि आज कोई इस अधिकार को छीनेगा तो गलत होगा, मेरा विनम्र निवेदन है इसपर विचार किया जाए।

संसद भवन परिसर में धरना, प्रदर्शन, हड़ताल और इस तरह की अन्य गतिविधियों पर रोक लगाने पर मचे राजनीतिक घमासान पर प्रतिक्रिया देते हुए लोकसभा सचिवालय ने इस आदेश को रूटीन प्रक्रिया बताते हुए आरोपों को खारिज कर दिया है। लोकसभा सचिवालय खबरों के मुताबिक, संसद भवन में धरना, प्रदर्शन और इस तरह की अन्य गतिविधियों पर रोक का आदेश एक रूटीन प्रक्रिया है जो सचिवालय द्वारा समय-समय पर जारी किया जाता है।

लोकसभा सचिवालय ने कहा कि इस तरह का आदेश सामान्य प्रक्रिया के तहत संसद के हर सत्र से पहले या कभी-कभी संसद सत्र के दौरान भी जारी किया जाता है। आदेश के मुताबिक, संसद भवन परिसर में कोई सदस्य धरना, हड़ताल, भूख हड़ताल नहीं कर सकेगा और इसके साथ ही वहां कोई धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं हो सकेगा।

बता दें इससे पहले लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी पाबंदी लगाए गए शब्दों की एक लिस्ट पर विवाद थमा नहीं है। इसमें कई शब्दों को असंसदीय शब्द बताकर उनपर पाबंदी लगा दी गई है, मतलब इनको लोकसभा और राज्यसभा में नहीं बोला जा सकेगा। इसमें जुमलाजीवी, तानाशाह, शकुनि, जयचंद, विनाश पुरुष, खून से खेती आदि को असंसदीय शब्द बताकर इनकी लंबी-चौड़ी लिस्ट तैयार की गई।

 

 

 

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