नई दिल्ली: ऐसा कहा जाता है कि पालतू जानवरों में सबसे वफादार जानवर कुत्ता होता है, न जाने कुत्ते की वफादारी पर कितने किस्से लिखे गए हैं, कई सारी फिल्में बनाई गई हैं।
आज हम जिस घटना के बारे में बात करने वाले हैं जिसके जानने के आप को सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि एक पालतू कुत्ता इतना हिंसक रूप भी ले सकता है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक ऐसी घटना घटी है जिसने Pets रखने वालों को सतर्क कर दिया है।
लखनऊ के कैसरबाग में एक पालतू पिटबुल ने 80 साल की अपनी मालकिन को नोच नोच कर मार डाला। मृतका का नाम सुशीला त्रिपाठी है। वो अपने पूरे परिवार के साथ कैसरबाग के बंगाली टोला में रहती थी।
पड़ोसियों ने बताया की सुशीला हर दिन शाम 5 बजे छत पर अपने पिटबुल को टहलाया करती थी, 13 जुलाई को भी वो पिटबुल को छत पर टहला रही थी तभी कुत्ते के गले से चैन खुल गया और उसने मालकिन पर हमला कर दिया।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक 80 साल की सुशीला त्रिपाठी रिटायर्ड टीचर थीं. सुशीला पिटबुल को छत पर टहला रही थीं. इसी बीच पिटबुल के गले में बंधी हुई चेन खुल गई। चैन खुलते ही उसने सुशीला पर हमला कर दिया।
कुत्ते ने उन्हें इस तरह से काटा कि उनके शरीर से मांस तक अलग हो गया. पिटबुल के काटने से उनका पेट, सिर और चेहरा बुरी तरह ज़ख्मी हो गया। पुलिस ने आगे बताया कि जिस दिन ये घटना घटी उस दिन सुशीला घर पर अकेली थीं, उनके साथ उनका जिम ट्रेनर बेटा रहता था जोकि उस समय जिम ट्रेनिंग देने अलीगंज गया हुआ था।
पुलिस के मुताबिक घटना के कुछ देर बाद जब नौकरानी काम करने आई तो उसने सुशीला को जमीन पर लहुलुहान पड़े देखा. उसने तुरंत उनके बेटे अमित को फोन किया. वह तुरन्त जिम से घर आया और खून से लथपथ मां को हॉस्पिटल लेकर गया. लेकिन, उनको बचाया नहीं जा सका. डॉक्टर्स ने बताया कि ज्यादा खून बहने की वजह से सुशीला की मौत हो गई है.
डॉक्टर्स के मुताबिक सुशीला की बॉडी पर कुल 12 जगहों पर गहरे जख्म मिले। मृतक सुशीला के पड़ोसियों ने बताया जिस पिटबुल कुत्ते ने सुशीला की जान ली है, उसे कभी उन्होंने ही रुई के फाहे दूध में डुबोकर पिलाया करती थीं। इन लोगों के मुताबिक उस कुत्ते का नाम ब्राउनी था, इस कुत्ते को 3 साल पहले सुशीला का बेटा अमित घर लाया था। पिटबुल के अलावा सुशीला के घर में एक और पालतू कुत्ता लैब्राडोर भी है।
सुशीला की एक पड़ोसी ने बताया कि जब वो चीख सुनकर बाहर आई तो देखा कि पिटबुल ने सुशीला पर हमला कर दिया है और वह खून से लथपथ गिरी पड़ी हैं। सुशीला तदर्द के मारे चीख रही थीं, हम लोग पिटबुल पर पत्थर मारने लगे, लेकिन वह रुका नहीं और मांस नोच नोच कर को खाता रहा। करीब एक घंटे तक हम लोग पत्थर मार कर उसे भगाने की कोशिश करते रहे, इसके बाद वो सुशीला की बॉडी को खींचकर अंदर ले गया। तकरीबन एक घंटे तक कुत्ता अपनी मालकिन को नोचता रहा।
दूसरे पड़ोसियों ने बताया कि पिटबुल इतना खतरनाक है कि वह कभी बाहर नहीं निकलता था. वह हमेशा घर के अंदर बंधा रहता था, मंगलवार सुबह जब उसने अपनी मालकिन पर हमला किया तो हमने पत्थर मारे, लेकिन वह रुका नहीं, वह एक घंटे तक अपनी मालकिन को नोचता रहा, ऐसा लग रहा था कि वह आदमखोर हो गया है.
पड़ोसियों का कहना था पिटबुल के हमले की घटना इतनी खतरनाक है कि अब हम लोगों को डर लग रहा है, हम दहशत में जी रहे हैं, हम मांग करते हैं कि नगर निगम कार्रवाई करे, पिटबुल को यहां से बाहर ले जाए। इस मामले पर लखनऊ नगर निगम ने संज्ञान लिया है। नगर निगम के अधिकारी अरविंद राव ने कहा कि
इस घटना को लेकर पिटबुल के मालिक को नोटिस दिया जाएगा, लाइसेंस देखा जाएगा, अगर लाइसेंस नहीं मिला तो मालिक पर कार्रवाई की जाएगी। अरविंद राव ने ये भी बताया कि अगर मालिक के पास लाइसेंस है, तो उसे कैंसिल कर पिटबुल को जब्त कर लिया जाएगा