नई दिल्ली, हिजाब मामले में सुप्रीम कोर्ट अगले हफ्ते से सुनवाई कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाया गया और कहा गया कि मार्च में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी, अभी तक केस लिस्ट नहीं हो पाया है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले को अगले हफ्ते सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाए। कोर्ट के सामने बुधवार को एडवोकेट प्रशांत भूषण ने मामला उठाया और कहा कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने 15 मार्च को आदेश पारित किया था और उस फैसले को चुनौती दी गई है, लेकिन अभी मामला सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हो पाया है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि दो बेंच काम नहीं कर रही है और मामले को दोबारा आवंटित किया जा रहा है, ऐसे में वक्त लग रहा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले की सुनवाई के लिए केस अलगे हफ्ते लिस्ट किया जाए।
हिजाब मामले में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है। कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब मुस्लिम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है। साथ ही कर्नाटक हाई कोर्ट ने हिजाब पहनकर स्कूल जाने की रोक के फैसले को सही ठहराया था।
सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है और कहा गया है कि हाई कोर्ट ने धार्मिक स्वतंत्रता की व्याख्या में गलती की है। हाई कोर्ट ने इस बात को भी नहीं देखा कि निजता के अधिकार के तहत हिजाब पहनने का अधिकार मिला हुआ है। साथ ही कहा कि याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में भी अर्जी दाखिल की थी। उसने राज्य सरकार के 5 फरवरी 2022 के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें ड्रेस कोड लागू किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि हाई कोर्ट ने कर्नाटक एजुकेशन एक्ट 1983 के नियमों को भी नहीं देखा। रूल्स में यूनिफॉर्म की अनिवार्यता नहीं बताई गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि हाई कोर्ट ने इस बात को भी ध्यान नहीं दिया कि हिजाब अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में आता है। अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत हिजाब पहनना अभिव्यक्ति की आजादी है।
साथ ही हिजाब अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक रिवाज के दायरे में आता है। इस्लाम धर्म में हिजाब या सिर ढकने के लिए स्कार्फ पहनना धार्मिक रिवाज के दायरे में आता है, लेकिन हाई कोर्ट ने इस बात को नहीं देखा। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में एक अन्य की ओर से केवियेट दाखिल की गई है और कहा गया है कि वह भी हाई कोर्ट में पार्टी था लिहाजा उसे भी इस मामले में सुना जाए।
इससे पहले हिजाब बैन का मामला 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था। याचिका में कहा गया था कि हिजाब केस को कर्नाटक हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर किया जाए और मामले की सुनवाई नौ जजों की बेंच करे।