नई दिल्ली : (अजहर ईमाम) 4 जुलाई को राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय परिवर्तन मोर्चा के मुख्य वक्ता मा. वामन मेश्राम प्रेस क्लब ऑफ इंडिया पहुंचे थे, उनके इस प्रेस वार्ता का आधार “देश की एकता अखंडता और भारतीय संविधान को कैसे बचाया जाए” था। उन्होंने अपने वार्ता में कहा कि “हम लोगों ने यह निर्णय लिया है कि मजलूम और मजलूम का इत्तिहाद और एकता को कायम किया जाए।
हम एससी, एसटी ओबीसी के लोग मजलूम हैं। मुसलमान भी इस देश में, माइनॉरिटी के लोग भी इस देश में मजलूम हैं। तो मजलूमों एकता कायम किया जाए। आगे उन्होंने कहा “हम हिंदू नहीं हैं जो हमको हिंदू कहेगा वो हमको गाली देगा और जो हमें गाली देगा उसको जवाब दुंगा।
अब मैं समझदार हो गया हूँ अपना फ़ैसला करने लायक हो गया हूँ। कि मैं हिंदू कैसे हो सकता हूँ? क्युंकि हिंदू शब्द का जो डिक्शनरी मीनिंग है वो तो गाली दे रहा है तो हम गाली क्युँ स्वीकार करेंगे? हिंदू शब्द का डिक्शनरी मीनिंग गाली, चोर है। यह डिक्शनरी में लिखा हुआ है, मेरा नहीं है।
जिसे आप हिंदू धर्म कहते हो वो हिंदू धर्म नहीं है “ब्राह्मण” है। जिसे आप हिंदू धर्म कहते हैं वेद, श्रुति, पुराण, रामायण, महाभारत जितने संस्कृत में ग्रंथ हैं “हिंदू” शब्द जब वेद लिखा गया कोई अता पता नहीं था।
मुसलमानों के आगमन के साथ ही हिंदू शब्द भारत में आया। वेद, श्रुति, पुराण, गीता में आप हिंदू शब्द निकाल कर दिखा दें? इन सबमें हिंदू शब्द है ही नहीं। हिंदू संस्कृत भाषा का शब्द नहीं है, हिंदू हिन्दी भाषा का शब्द नहीं है, हिंदू पर्सियन भाषा का शब्द है। मैं 200% साबित कर सकता हूँ कि हिंदू कोई धर्म नहीं है बहुत सारे लोग इग्नरेंस में बहुत सारी गलत बातें करते हैं सारी दुनिया मानती है कि इग्नरेंस पैदा करके लोगों से गलत काम करवाया जा सकता है।